Wednesday - 10 January 2024 - 1:49 PM

समर्पण और परिश्रम से ही भारत पुन: विश्वगुरु बनेगा

लखनऊ.  देश की सेवा, सुरक्षा के लिए जब जक सामान्य लोग आगे नहीं आएंगे, तब तक देश खड़ा नहीं हो सकता है। इसी विचार को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ स्थापना काल से ही कार्य कर रहा है और सामान्य लोगों को जागरूक कर रहा है। हम सभी को राष्ट्रहित में समर्पण और परिश्रम करना होगा, जिससे हमारा देश पुन: विश्वगुरु बन सके।

उक्त उद्गार मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार सुनील आम्बेकर ने विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय क्षेत्रीय प्रशिक्षण बैठक (25-26 जून, 2022) के तृतीय सत्र में व्यक्त किए। प्रशिक्षण बैठक में विद्या भारती की संरचना के अनुसार, पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के चारों प्रांत – अवध, कानपुर, काशी और गोरक्ष से करीब 80 आचार्य  शामिल हुए।

सुनील आम्बेकर ने  कहा कि हमें संयमित और मर्यादा में रहकर ठीक से योजना बनाकर कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमारा राष्ट्र पुरातन है, हमारा राष्ट्र सनातन है और देश का इतिहास गौरवशाली है। हमें अतीत से सीखकर आगे बढ़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विमर्श एक सतत् प्रक्रिया है, हमारा कार्य इसे आगे बढ़ाना है। इसके साथ ही राष्ट्रहित में समाज के विमर्श को आगे बढ़ाना है। समाज के प्रत्येक व्यक्ति में शिक्षा के साथ-साथ संस्कार होना जरूरी है।

उन्होंने कहा कि हमें मीडिया के माध्यम से अपने अच्छे कार्यों को समाज तक पहुंचाना है और ये कार्य तभी सफल होगा, जब यह समाज में परम्परा बन जाए।
अपर मुख्य सचिव सूचना  नवनीत सहगल  ने कहा कि ज्ञानवान व्यक्ति ही शक्तिशाली और ताकतवर होता है, इसलिए हमें समसामयिक विषयों की जानकारी होना बेहद जरूरी है। उन्होंने अग्निपथ योजना का जिक्र करते हुए कहा कि जानकारी के अभाव में ही विरोध हो रहा है, जबकि ये योजना युवाओं के लाभकारी साबित होने वाली है।

भारतीय जनसंचार संस्थान के महानिदेशक संजय द्विवेदी  ने कहा कि आज के आधुनिक युग में हमें दुनिया से कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ना है और हमें अपनी संस्कृति और परम्परा को भी सुरक्षित व संरक्षित रखना है, ऐसे में विद्या भारती जैसे बड़े संगठन की भूमिका और बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिवेश में शिक्षकों की ज़िम्मेदारी है कि वह बच्चों को उचित संदेश के साथ-साथ उनसे बेहतर संवाद करें, जिससे हमारे समाज को सही दिशा मिल सके।

नवभारत टाइम्स के संपादक नदीम  ने प्रिंट मीडिया की कार्य पद्धति पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि हम जिस भी संस्थान से जुड़े हैं, उसके प्रति समर्पण की भावना होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सूचना के लिए आपके सम्पर्क अच्छे होने के साथ परस्पर संवाद होना चाहिए। हमें बोलने से अधिक सुनने पर फोकस करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाठकों को आकर्षिक करने के लिए न्यूज की हेडिंग को प्रभावशाली बनाना चाहिए। सोशल मीडिया पर अपनी खबरों की वैल्यू बढ़ाने के लिए तथ्यों की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर कोई भी सूचना तथ्यों की पुष्टि के बिना शेयर या फारवर्ड नहीं करना चाहिए।

दैनिक जागरण के संपादक आशुतोष शुक्ला  ने कहा कि ये सभ्यताओं के संघर्ष का दौर है। हम भारतीय दृष्टि से अपनी बात तर्क के साथ रखें और इतिहास के सही पक्षों को समाज के सामने लाएं, जिसका समाज सकारात्मक प्रभाव दिखाई देगा। उन्होंने कहा कि वनवासी, सुदूरवर्ती और दक्षिण भारत में आरएसएस अद्भुत कार्य कर रहा है, जिसे समाज में पहुंचाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इतिहास को सिर्फ पढ़ लेने या उसका विरोध करके बदलाव नहीं लाया जा सकता, हमें वैचारिक और तकनीकी रूप से मजबूत होना होगा और तर्कपूर्ण बातें सामने रखनी होंगी।

प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन सह प्रचार प्रमुख  भास्कर दूबे  किया। इस अवसर विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के चारों प्रांतों के आचार्य/आचार्या बंधु/भगिनी, पदाधिकारी, समाज के संभ्रांत व्यक्तियों सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

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