जुबिली स्पेशल डेस्क
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू एक बार फिर सुर्खियों में हैं। गाजा को लेकर उनका एक खतरनाक प्लान सामने आया है। उनकी कोशिश है कि किसी भी तरह पूरे गाजा पर ‘नियंत्रण’ स्थापित किया जाए। इसके लिए उन्होंने बाकायदा शपथ ली है और उसी के तहत रणनीति बनानी शुरू कर दी है।
हालांकि, उनके लिए यह रास्ता आसान नहीं होगा क्योंकि ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा ने उनके रवैये पर कड़ी आपत्ति जताई है।
इजरायली सेना ने घोषणा की है कि उन्होंने पूरे गाजा शहर को ‘कॉम्बैट ज़ोन’ (युद्ध क्षेत्र) घोषित कर दिया है। एक बार फिर वहां हमले तेज़ कर दिए गए हैं और ताज़ा हवाई हमलों में 60 लोगों के मारे जाने की खबर है।
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इसी बीच, इजरायल के वित्त मंत्री बेज़लेल स्मोट्रिच ने कहा है कि इजरायली सेना फिलिस्तीनी गाजा के बचे हुए हिस्सों को “समाप्त” कर देगी।
ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा ने सोमवार को स्पष्ट शब्दों में कहा है, “जब तक नेतन्याहू सरकार इन जघन्य कार्रवाइयों को जारी रखेगी, हम चुप नहीं बैठेंगे। अगर इजरायल ने सैन्य हमले बंद नहीं किए और मानवीय सहायता पर लगाए गए प्रतिबंध नहीं हटाए, तो हम जवाब में ठोस कदम उठाएंगे।”
नेतन्याहू की गाजा पर पूर्ण नियंत्रण की योजना में सैन्य कब्जा, हमास का खात्मा, बंधकों की रिहाई, और पूरे क्षेत्र को इजरायल के लिए ‘सुरक्षित’ बनाना शामिल है। यह योजना सैन्य अभियानों, मानवीय सहायता पर नियंत्रण और संभावित विस्थापन नीतियों के माध्यम से लागू की जा रही है।
गौरतलब है कि मई 2025 में इजरायली संसद और सुरक्षा कैबिनेट ने गाज़ा पट्टी पर पूर्ण सैन्य नियंत्रण की योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य हमास को सैन्य और प्रशासनिक रूप से पूरी तरह समाप्त करना और गाज़ा में मौजूद बंधकों को मुक्त कराना है।
वर्तमान में इजरायल पहले ही गाज़ा के लगभग 50% हिस्से पर नियंत्रण रखता है, और अब शेष क्षेत्र पर कब्ज़ा जमाने की रणनीति को अंजाम दिया जा रहा है।