Saturday - 6 January 2024 - 12:43 PM

…तो यूपी में कोरोना वायरस जेल भी पहुंचा सकता है

न्‍यूज डेस्‍क

केरल और उत्तर प्रदेश से लेकर गुजरात तक फैलते जा रहे कोरोना वायरस के चलते देश के कई राज्यों में कर्फ्यू जैसे हालात बनते जा रहे हैं। मॉल, सिनेमाहॉल,स्कूल और कॉलेज तो बंद कर ही दिए गए हैं, लोगों से बहुत जरूरी होने पर ही घरों से निकलने की अपील भी की जा रही है। ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन से भी बचने को कहा जा रहा है, जिसमें ज्यादा भीड़ जुटती हो।

कोरोना वायरस की जद में सबसे पहले आए केरल ने मॉल, जिम, ब्यूटी पार्लर पर लोगों के आने-जाने पर पाबंदी लगा दी है। वहीं दिल्ली में 31 मार्च तक स्कूल, कॉलेज और सिनेमा घर बंद कर दिए गए हैं। तो वहीं कोरोना वायरस से बचाव के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार तमाम इंतजामों में जुटी हुई है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार की ओर से यह भी निर्देश जारी किए गए हैं कि जो शख्स कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए की जा रही पहल में सहयोग नहीं करेगा, उसे जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है। योगी सरकार के इस निर्णय की सोशल मीडिया पर जमकर सराहना की जा रही है।

योगी सरकार के आदेश के अनुसार, कोरोना वायरस से ग्रसित व्यक्ति की बीमारी छिपाने, सूचना न देने, अस्पताल में भर्ती न करवाने या जांच और भर्ती के लिए पहुंची टीम का सहयोग न करने वालों के खिलाफ प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा। इसके अलावा कोरोना के रोकथाम और बचाव के प्रयास के लिए ‘आउटब्रेक रिस्पांस कमिटी’ भी गठित की गई है। मंडलायुक्त मुकेश कुमार मेश्राम ने समीक्षा बैठक के दौरान अफसरों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं।

मंडलायुक्त ने कहा है कि कोरोना वायरस का कोई भी संदिग्ध रोगी, पारिवारिक सदस्य या संपर्क में आया अन्य व्यक्ति अगर जांच नहीं करवाता है और जांच करने के लिए पहुंची टीम का सहयोग नहीं करता है, तो इसे बाधा डालकर माहौल खराब करने का आरोपी मानते हुए आईपीसी की धारा 188 के तहत संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। इसके तहत छह माह तक की कैद, एक हजार रुपये जुर्माना या दोनों सजा हो सकती हैं।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना वायरस का दूसरा मामला सामने आया है। इंदिरा नगर सेक्टर 16 में महिला डॉक्टर के संपर्क में आए एक परिचित में कोरोना वायरस की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। फिलहाल इस मरीज का केजीएमयू में इलाज चल रहा है। इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 12 हो गई है।

लखनऊ में इससे पहले 11 मार्च को कोराना का पहला मामला सामने आया था। कनाडा से लखनऊ अपने रिश्तेदारों से मिलने आई एक महिला डॉक्टर में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई थी। बताया जा रहा है इस महिला डाक्टर के संपर्क में आने वाले सभी लोगों की जांच की गई थी। इसके बाद दूसरे संक्रमित व्यक्ति की पहचान हुई है।

बता दें कि कनाडा के टोरंटो शहर निवासी महिला डॉक्टर अपने पति के साथ 8 मार्च को लखनऊ के गोमती नगर में रिश्तेदारों से मिलने आई थी। बुधवार को महिला को बुखार महसूस हुआ और गले में खराश हुई। इसके साथ-साथ सर्दी-जुकाम भी शुरू हो गया। परिवारीजनों ने कोरोना की आशंका हुई। वह अपने पति के साथ केजीएमयू पहुंची। यहां डॉक्टर डी. हिमांशु की निगरानी में महिला डॉक्टर को भर्ती किया गया।

यहां महिला की लार का नमूना जांच के लिए माइक्रोबायोलॉजी विभाग में भेजा गया, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद संक्रमण की पुष्टि हुई। संयुक्त निदेशक डॉ. विकासेंदु अग्रवाल ने बताया कि मरीज से संबंधित पूरी जानकारी जुटाई जा रही है। डॉक्टर डी. हिमांशु ने बताया कि पति की जांच कराई गई लेकिन उनमें संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई। फिलहाल मरीज व उनके पति को अलग-अलग कमरे में भर्ती रखा गया है।

पूछताछ में महिला डॉक्टर ने बताया कि कि वह मुंबई होते हुए लखनऊ आई हैं इस दौरान वह कितने लोगों के संपर्क में आई हैं इसकी पूरी जानकारी उन्होंने टीम को दे दी है। अब टीम इस रिपोर्ट को उच्च अधिकारियों से साझा करेगी ताकि संक्रमण के फैलाव को रोका जा सके।

बताते चले कि कोरोना से बचने के लिए स्टेशनों पर हेल्प डेस्क बनायी गई है। हेल्प डेस्क पर यात्रियों को सतर्कता के बारे में जानकारी दी जाएगी। इस अभियान में रेलवे स्टेशन पर आवागमन करने वाले यात्रियों को बातचीत के जरिए जागरूक किया जाएगा और बैनर व पोस्टरों के द्वारा इस महामारी की विषय में यात्रियों को बचाव संबंधी जानकारी दी जाएगी। संदिग्ध व्यक्ति को सुरक्षित स्थान पर रखकर देख-रेख की व्यवस्था होगी।

वहीं, एयरपोर्ट पर कोरोना वायरस को लेकर हाईअलर्ट है। यह स्थान सबसे अधिक और कड़ी निगरानी में हैं। कोरोना की दहशत को देखते हुए एयरपोर्ट पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। एयरपोर्ट पर सभी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की स्क्रीनिंग की जा रही है। यात्री से लेकर कर्मचारी और क्रू मेंबर तक सभी कोरोना को लेकर अत्याधिक सतर्क हैं।  डाक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को मिलाकर 20 लोगों की एक टीम हमेशा मौजूद रहती है। यहां विशेष तौर पर दो काउंटर बनाए गए हैं। विमान से उतरने वाले हर सख्स का इमिगरेशन से पहले चेकिंग की जा रही है।

पूर्वोत्तर रेलवे ऐशबाग स्थित ट्रेनिंग इस्टीटयूट में चिकित्सा कक्ष बनाये गये हैं। इसके अलावा बादशाहनगर चिकित्सालय में कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों में लक्षण पाये जाने पर छह बेड का उपलब्ध हैं। ट्रेनों के सभी यात्री डिब्बों के दरवाजों, दरवाजे पर लगे हैण्डिल, सिटकनी एवं ट्रेनों की पेंट्रीकारों को सेनिटाइज किया गया।

कोरोना के खौफ से यात्रियों ने  रोडवेज बसों से दूरी बना ली है। चारबाग, आलमबाग और कैसरबाग बस अड्डे पर यात्रियों की भीड़ कम हो गई है। 10 प्रतिशत से अधिक टिकट रोजाना रद्द हो रही हैं। लखनऊ के तीन मुख्य बस अड्डों से रोजाना 1100 बसों से तकरीबन 80 हजार यात्री सफर करते हैं। कोरोना के चलते यात्रियों की संख्या दिन प्रतिदिन घटती जा रही है। ऐसे में शुक्रवार को यात्रियों की संख्या गिरकर 50 हजार तक पहुंच गई है। रोडवेज की 722 बसें ऑनलाइन सेवाओं से जुड़ी हैं जिनमें रोजाना दस प्रतिशत लोग अपने टिकट निरस्त करा रहे हैं।

 

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