Saturday - 6 January 2024 - 3:10 AM

पहलवानों के प्रदर्शन ने बढ़ाई भाजपा की टेंशन, हो सकता है जाट वोटों का नुकसान

जुबिली न्यूज डेस्क

यौन शोषण मामले में भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पहलवानों के प्रदर्शन ने भारतीय जनता पार्टी की टेंशन बढ़ा दी है। दरअसल, पहलवानों के प्रदर्शन के चलते तीन राज्यों में जाट वोट बैंक पर असर पड़ने की पूरी संभावना जताई जा रही है। जिस तरह से कई दिग्गज जाट किसान नेता और पूर्व पहलवान भी अब इन युवा महिला पहलवानों के समर्थन में खड़े हो गए हैं उससे साफ लग रहा है कि इस बार जाति की राजनीति भी चरम पर होगी।

2024 के लोकसभा में जाट की अहम भूमिका

आगामी 2024 लोकसभा चुनाव में यूपी, हरियाणा से राजस्थान तक जाट वोटों की भूमिका अहम रहने वाली है। ऐसे में भाजपा कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। पिछले दो लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में भी जाट वोटरों ने भाजपा को जमकर वोट किया था। अगर ये वोट छिटकते हैं तो भाजपा का खेल बिगड़ सकता है।

मामले को सुलझाने के लिए अमित शाह खुद मैदान में

अब इस मामले को सुलझाने की कमान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने खुद ले ली है। अमित शाह ने 4 जून की रात खुद पहलवानों से बात की। हालांकि दोनों पक्षों में क्या बात हुई अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। अमित शाह ने उन्हें भरोसा दिया है कि कानून सबके लिए बराबर है और वह अपना काम करेगा।

अनुराग ठाकुर कर रहे पहलवानों से बात

सरकार से बातचीत के बुलावे के बाद पहलवान बजरंग पूनिया केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। बजरंग पूनिया के कुछ देर बाद ही पहलवान साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादियान भी अनुराग ठाकुर के घर पहुंचे। एक दिन पहले मंगलवार (6 जून) को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बृजभूषण के खिलाफ आंदोलन कर रहे खिलाड़ियों को बातचीत के लिए आमंत्रण भेजा था।

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अनुराग ठाकुर ने ट्वीट कर जानकारी देते हुए कहा था कि सरकार पहलवानों से बातचीत के लिए इच्छुक है। मैंने एक बार फिर उन्हें इसके लिए बुलावा भेजा है। बता दें कि इससे पहले भी अनुराग ठाकुर ने पहलवानों से मिलकर इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश की थी।

आरक्षण को लेकर प्रदर्शन के बाद से भाजपा सतर्क

हरियाणा में 2016 के जाट आंदोलन (नौकरियों में आरक्षण के लिए) के बाद, भाजपा इस बात को लेकर सतर्क रही है कि समुदाय पार्टी को कैसे देखता है। खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट का वोट बैंक काफी अहम है जो 2024 के लोकसभा चुनाव में खेल बिगाड़ सकता है। बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं होने पर जाटों के निराश हो सकते हैं। इसलिए सरकार अब किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहेगी। राजस्थान में भी खेल बिगड़ सकता है।

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