Friday - 5 January 2024 - 9:47 PM

जमीन कब्जे के आरोपी शालीमार ग्रुप के मालिक संजय सेठ से नाराज उपभोक्ताओं का गुस्सा झेलेगी भाजपा !

जुबिली न्यूज़ डेस्क 

भाजपा का गढ़ माने जाने वाले लखनऊ में एक शीर्ष भाजपा नेता पार्टी के प्रति जनता के गुस्से की वजह बन रहा है.

लखनऊ की एम टेक कल्याण समिति के सदस्यों ने शालीमार ग्रुप के मालिक संजय सेठ के ऊपर लखनऊ में ज़मीन क़ब्ज़ाने का बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि माननीय मुख्यमंत्री जी लखनऊ के बड़े भू माफिया संजय सेठ के ऊपर कोई कारवाई नहीं कर रहे हैं इसलिए सर्वसम्मति से समिति के हम सभी सदस्यों ने निर्णय लिया है कि यदि मुख्यमंत्री हमारी समस्या को संज्ञान में लेकर शालीमार ग्रुप द्वारा किए गए अवैध क़ब्ज़े की शिकायत का निस्तारण नहीं कराते हैं तो समिति के हम सभी सदस्य आगामी सभी चुनावों में भाजपा को वोट नहीं देंगे और अपने सगे संबंधियों और पड़ोसियों को भाजपा के इस दोहरे चरित्र को उजागर करते हुए उन्हें भी भाजपा को वोट ना देने के लिए सहमत करेंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री सहित भारतीय जनता पार्टी स्वयं जिम्मेदार होगी।

 

पीडिती उपभोक्ताओं ने आक्रोश भरे स्वर में कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा का दोहरा चरित्र देखने को मिल रहा है कि एक ओर मुख्यमंत्री सभी भू माफियाओं के प्रति जोरदार सख्त कार्रवाई करने का ढोल पीट रहे हैं लेकिन वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री से गुहार लगाने के बाद भी लखनऊ में अनैतिक रूप से जबरन आवासीय भूमि पर कब्जा करने वाला शालीमार ग्रुप का मालिक संजय सेठ भाजपा और योगी का कृपापत्र बनकर फलफूल रहा है।

क्या है पूरा मामला 

एमटेक कल्याण समिति के सदस्यों का कहना है कि राजस्व ग्राम बाघा मऊ में इंटीग्रेटेड टाउनशिप विकसित करने के लिए एएनएस कंस्ट्रक्शन लिमिटेड की कंसोर्सियम को एलडीए ने दिनांक 23.08. 2006 को 2 वर्ष की सीमा के लिए लाइसेंस संख्या 859 जारी किया जिसमें उक्त लाइसेंसी फॉर्म में विभिन्न समाचार पत्रों,कोडिंग आदि के माध्यम से विज्ञापन देकर लगभग 4000 उपभोक्ताओं से प्लाट मूल्य के 20% अग्रिम धनराशि लेकर 200/300/500 वर्ग गज के प्लाट बुक किए और जनता की इसी धनराशि से 226 एकड़ भूमि लैंड बैंक तैयार किया गया. इसके बाद एलडीए के कर्मचारियों की मिलीभगत से लाइसेंस की वैधता जो दिनांक 22 मार्च 2008 थी, की समाप्ति से दो माह पूर्व ही लाइसेंस निरस्त करवाते हुए तुरंत नया लाइसेंस प्राप्ति का पंजीकरण कराकर 16 फ़रवरी 2010 में एलडीए से उसी भूमि पर उसी प्रोजेक्ट के लिए नया लाइसेंस संख्या 161 प्राप्त कर लिया गया।

उपभोक्ताओं का आरोप है कि कुछ दिन बाद लाइसेंसी ने इस प्रोजेक्ट को अविधिक रुप से शालीमार संजय सेठ की कंपनी शालीमार ग्रुप को अंतरित कर दिया और आज की तिथि में इसी भूमि पर संजय सेठ द्वारा शालीमार वन वर्ल्ड के नाम से मल्टी स्टोरी फ्लैट बनाकर बेचा जा रहा है। हम लोगों द्वारा संजय सेठ के इस फ़्रॉड को एलडीए, शासन, यूपी रेरा आदि विभिन्न कार्यालयों में शिकायत की गयी मगर कोई सुनवाई /कारवाई नहीं हुई।

शालीमार ग्रुप को मालिकाना हक़ देने के लिए अब शुरू हुआ नाम बदलने का खेल  ? 

एमटेक कल्याण समिति के अध्यक्ष एसके मिश्र का कहना है कि शिकायत के बाद येन केन प्रकारेण शालीमार ग्रुप को मालिकाना हक़ देने के लिए बार-बार नाम परिवर्तन करने का भी कुचक्र रचा गया। जैसे एएनएस कान्स०लि० के स्थान पर ए०एन०एस० डेवलपर्स लिमिटेड को कांसर्सियम का लीडर बनाया गया। इसके बाद फिर एएनएस डेवलपर्स लिमिटेड का नाम बदलकर शालीमार बेल्वेडियर रखा लेकिन बात नहीं बनी और फिर शालीमार बेल्वेडियर का नाम बदलकर शालीमार लेक सिटी प्राइवेट लिमिटेड किया गया। किंतु जनता के आक्रोश और भारी दबाव को देखते हुए अंतोगत्वा पुनः लौट कर पुराना नाम एएनएस डेवलपर्स लिमितेड रखना पड़ा।

अनधिकृत रूप से आज भी है शालीमार ग्रुप के पास प्रोजेक्ट का मालिकाना हक ?

पीड़ित उपभोक्ताओं का कहना है कि आज भी प्रोजेक्ट का मालिकाना हक अविधिक रुप से शालीमार ग्रुप के पास ही है जिसके मालिक संजय सेठ है जो सपा फिर बसपा और अब भाजपा में शामिल होकर राज्यसभा के सदस्य हैं।

एम टेक कल्याण समिति के सदस्यों ने संजय सेठ को भारतीय जनता पार्टी में शामिल करने पर जताया था विरोध

जब संजय सेठ भारतीय जनता पार्टी में शामिल किए जा रहे थे उस समय एम टेक कल्याण समिति के लोगों ने माननीय मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री गृह मंत्री जी को संजय सेठ द्वारा पैदा की गयी समस्या से अवगत कराते हुए सपा एवं बसपा शासनकाल में लखनऊ के अंदर संजय सेठ द्वारा भूमि संबंधी किए गए सभी अविधिक, अनैतिक एवं जबरन भूमि कब्जा से संबंधित कार्यों को अपनी शिकायत में दर्शित कर इनके भूमाफिया वाले चरित्र से माननीय मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री गृह मंत्री को अवगत/आगाह कराते हुए संजय सेठ को भारतीय जनता पार्टी में शामिल नहीं करने का अनुरोध किया गया था परंतु भाजपा ने इसका संज्ञान नहीं लिया और संजय सेठ पार्टी में शामिल हो गए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी समिति की शिकायत पर नहीं लिया संज्ञान 

एमटेक कल्याण समिति के सदस्यों ने बताया कि अनैतिक,अविधिक एवं षड्यंत्रकारी प्रकरण की शिकायत हमारी समिति ने 4 वर्ष पूर्व भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की थी किंतु आज तक इसका संज्ञान नहीं लिया गया। जबकि लखनऊ सहित प्रदेश के अन्य क्षेत्र वासियों ने इस प्रोजेक्ट में प्लाट बुक कराया और जब से संजय सेठ भाजपा में शामिल हुए तब से उनके भूमाफिया वाले कृत्यों को लेकर जनता की नाराजगी भाजपा के प्रति बढ़ रही है।

एम टेक कल्याण समिति की क्या है माँग  

एम टेक कल्याण समिति के सदस्यों ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि मामले को संज्ञान में लेकर अविलम्ब शालीमार ग्रुप के क़ब्ज़े से हमारी ज़मीन को मुक्त करा कर हम लोगों को हमारा हक दिलवाने की कृपा करें जिससे कि हम उत्तर प्रदेश वासियों को न्याय प्राप्त हो सके और सभी कार्यकर्ता पूर्व की भांति भाजपा को पूरे मन से सपोर्ट कर सकें।

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