Monday - 8 January 2024 - 4:02 PM

Madhya Pradesh Election 2023: भोपाल में बीजेपी का दबदबा या कांग्रेस करेगी खेला?

जुबिली न्यूज डेस्क

भोपाल : भोपाल पिछले तीन दशक में बीजेपी के गढ़ में तब्दील हो गया है। हालांकि, इस बार मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान सत्तारूढ़ दल इसे हल्के में नहीं ले सकता क्योंकि कांग्रेस ने पिछली बार राजधानी की सात में से तीन सीट जीतकर जबरदस्त प्रदर्शन किया था। भोपाल जिले में सात विधानसभा सीट हैं। जिनमें से छह शहर के भीतर हैं। भोपाल दक्षिण-पश्चिम, भोपाल उत्तर, भोपाल मध्य और नरेला शहरी सीट हैं, हुजूर और गोविंदपुरा को अर्ध-शहरी और बैरसिया को ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र माना जाता है।

बीजेपी के खाते में अभी 4 सीटें

बीजेपी ने 2018 में जिले में चार सीट जीती थीं, जबकि कांग्रेस ने उनसे दो सीट भोपाल मध्य और भोपाल दक्षिण-पश्चिम छीनकर तीन सीट पर जीत हासिल की थी। शहर में बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी हैं। यह 2018 में दो मुस्लिम विधायकों को विधानसभा में भेजने वाला मध्य प्रदेश का एकमात्र शहर था। इस चुनाव में भोपाल उत्तर से आरिफ अकील और भोपाल मध्य से आरिफ मसूद ने चुनाव जीता था।

कांग्रेस का गढ़ माना जाता है ये इलाका

कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले भोपाल उत्तर में इस बार दिलचस्प सियासी जंग देखने को मिल रही है। यह 1990 के बाद पहला चुनाव है जब छह बार के विधायक आरिफ अकील स्वास्थ्य कारणों से चुनाव नहीं लड़ रहे और कांग्रेस ने उनकी जगह उनके बेटे आतिफ अकील को मैदान में उतारा है। आरिफ यहां केवल एक बार 1993 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद बीजेपी उम्मीदवार से हारे थे। हालांकि उनके बेटे के लिए यहां जीतना आसान नहीं होगा क्योंकि उनके चाचा- आरिफ के भाई – आमिर अकील और कांग्रेस के एक अन्य बागी नासिर इस्लाम भी इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।

क्या बीजेपी करेगी मजबूत वापसी?

आमिर अकील ने कहा कि मैंने 30 वर्ष तक यहां के लोगों की सेवा की है, उनके कठिन समय में उनके साथ खड़ा रहा हूं। इन लोगों ने अब मुझसे चुनाव लड़ने के लिए कहा है। बीजेपी ने पूर्व महापौर आलोक शर्मा को मैदान में उतारा है। आम आदमी पार्टी (आप) ने इस सीट से पूर्व पार्षद मोहम्मद सउद को मैदान में उतारा है। सरकारी कर्मचारियों की बड़ी आबादी वाले भोपाल दक्षिण-पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र में पिछले चार दशकों में कांग्रेस और बीजेपी दोनों के विधायक चुने गए हैं।

भोपाल की 7 सीटों का पूरा गणित जानिए

बीजेपी नेता और राज्य में मंत्री विश्वास सारंग नरेला सीट से अब तक अपराजित रहे हैं। यह सीट भी 2008 में बनाई गई थी। कांग्रेस ने इस सीट से एक नए चेहरे मनोज शुक्ला को मैदान में उतारा है, जबकि ‘आप’ ने रायसा मलिक को इस सीट से टिकट दी है। हुजूर सीट के 2008 में गठन के बाद से हुए सभी तीनों चुनावों में भाजपा ने जीत हासिल की है। दो बार के बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा फिर से मैदान में हैं, जबकि कांग्रेस ने नरेश ज्ञानचंदानी को मैदान में उतारा है, जो पिछली बार 16,000 से अधिक वोटों से हार गए थे।

कहां-कहां कांटे की टक्कर के आसार

बीजेपी की शहर इकाई के अध्यक्ष सुमित पचौरी ने शहर की सभी सीटें जीतने का भरोसा जताया, लेकिन स्वीकार किया कि भोपाल उत्तर में ‘कड़ी प्रतिस्पर्धा’ है। पचौरी ने कहा कि भोपाल उत्तर, भोपाल मध्य और नरेला ऐसी सीट हैं जहां लोग सांप्रदायिक आधार पर वोट करते हैं। उन्होंने दावा किया कि गोविंदपुरा और हुजूर भाजपा के गढ़ हैं, जबकि वह भोपाल दक्षिण-पश्चिम सीट भी वापस ले लेगी।

ये भी पढ़ें-छत्तीसगढ़ में पीएम मोदी का बड़ा एलान, जानिए क्या-क्या मिलेगा लाभ?

कांग्रेस की जिला इकाई के प्रमुख प्रवीण सक्सेना ने दावा किया कि उनकी पार्टी राज्य की राजधानी में जीत हासिल करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ ने ब्लॉक, मंडलम, सेक्टर और बूथ स्तर पर एक संगठनात्मक ढांचा तैयार किया है और परिणाम सभी सीटों पर पार्टी के पक्ष में होगा। बीजेपी 18 साल से शासन कर रही है, लेकिन इसके पास दिखाने के लिए कोई उपलब्धियां नहीं हैं।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com