Saturday - 6 January 2024 - 3:43 PM

आखिर मायावती पर नरम क्यों हो रहे हैं मोदी

संजय द्विवेदी

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी के ऊपर नरम रुख रखना कही यह संकेत तो नही दे रहा है कि भाजपा और एनडीए को सीटें कम पड़ सकती हैं? तो ऐसे में नरेंद्र मोदी बसपा के सहारे नैया पार करने के जुगाड़ में लगे हो। इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमें बड़े ही गहराई से पीएम नरेंद्र मोदी के भाषणों पर गौर करना होगा। हालांकि, मोदी अपनी सभाओं में पूर्ण बहुमत से सरकार बनने के पुरजोर दावे तो कर रहे हैं, लेकिन चुनावी दंगल में जनता के मूड से संकेत ऐसे भी हैं जिनसे पता चलता है कि भाजपा अपना पिछला प्रदर्शन कतई नहीं दोहरा पाएगी।

बताते चले कि इधर बीच मायावती भी अपने संबोधन में भाजपा से ज्यादा कांग्रेस पर बरस रही है। ग्वालियर-चंबल संभाग में अपने उम्मीदवारों के समर्थन में मुरैना सभा करने आई बसपा सुप्रिमों मायावती ने भाजपा से ज्यादा कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस को धमकी में बोलीं- गुना में जो किया उसके लिये परिणाम भुगतने होंगे। वहीं यूपी की सभाओं में नरेन्द्र मोदी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पर तो खुलकर हमले कर रहे हैं, लेकिन बसपा के मामले में उनका रुख थोड़ा नर्म हो जाता है।

प्रतापगढ़ की सभा में मोदी ने कहा कि अब ये साफ हो चुका है कि समाजवादी पार्टी ने गठबंधन के बहाने बहन मायावती का तो फायदा उठा लिया, लेकिन अब बहन जी को समझ आ गया है कि सपा और कांग्रेस ने उनके साथ बहुत बड़ा खेल खेला है। अब बहन जी खुलेआम कांग्रेस और नामदार की आलोचना करती हैं।

दरअसल, प्रबुद्ध वर्ग मान रहे हैं कि मोदी ऐसा करके थोड़ी गुंजाइश बनाए रखना चाहते हैं। यदि सरकार बनाने के लिए कुछ सीटों की जरूरत पड़ती है तो मायावती की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया जा सकता है।

हालांकि यह वक्त ही बताएगा कि बहनजी मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकार करती हैं या नहीं। भाजपा के ही वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी भी कह चुके हैं कि भाजपा को केन्द्र में सरकार बनाने के लिए एनडीए दलों के अलावा भी सांसदों की जरूरत पड़ सकती है।

स्वामी ने कहा था मोदी का पीएम बनना मुश्किल

स्वामी ने एक साक्षात्कार में कहा था कि मुझे लगता है कि भाजपा का आंकड़ा 230 के आसपास पहुंचेगा और एनडीए 250 तक पहुंच जाएगा। सरकार बनाने के लिए हमें 30-40 सीटों की जरूरत और पड़ेगी। ऐसे में यह नए सहयोगी दलों पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि वे मोदी को स्वीकार नहीं करेंगे तो मुश्किल हो सकती है।

स्वामी ने कहा था कि चुनाव के बाद बसपा या बीजद सरकार बनाने में मदद कर सकते हैं, लेकिन बीजद प्रमुख नवीन पटनायक कह चुके हैं कि मोदी दोबारा पीएम नहीं बनने चाहिए। दूसरी ओर मायावती ने अभी अपनी मंशा जाहिर नहीं की है।

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