जुबिली न्यूज डेस्क
भारत में कोरोना महामारी को आए दो साल होने वाले हैं। इस दौरान पूर्ण रूप से तालाबंदी के साथ-साथ कई तरह के प्रतिबंधों का लोगों को सामना करना पड़ा। इसकी वजह से लोगों को काफी तरह की परेशानियों को सामना करना पड़ा।
कोरोना महामारी के दौरान लगाए गए लॉकडाउन का सबसे अधिक असर गरीब वर्ग पर पड़ा है। आंकड़ों के मुताबिक जहां गरीबों की आमदनी में 53 फीसदी की गिरावट देखी गई है, वहीं अमीरों की कमाई में लगातार वृद्धि हुई है।

आर्थिक उदारीकरण के बाद से सबसे गरीब 20 फीसदी भारतीय परिवारों की वार्षिक आय, 1995 के बाद से लगातार बढ़ रही थी, लेकिन कोरोना महामारी के दौरान में यानि कि वर्ष 2020-21 में 2015-16 की तुलना में इसमें 53% की कमी आई है।
इसी 5 साल की अवधि में, सबसे अमीर 20 फीसदी लोगों की वार्षिक घरेलू आय में 39 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।
सर्वे के मुताबिक यह भी पता चला है कि जहां सबसे अमीर 20 फीसदी लोगों की आय 1995 में कुल घरेलू आय का 50.2 प्रतिशत थी, वहीं 2021 में उनका हिस्सा बढ़कर 56.3 प्रतिशत हो गया। दूसरी ओर, सबसे गरीब 20 फीसदी की हिस्सेदारी 5.9 % से गिरकर 3.3 % हो गई।
मुंबई स्थित थिंक-टैंक, पीपुल्स रिसर्च ऑन इंडियाज कंज्यूमर इकोनॉमी (PRICE) के ICE360 सर्वे 2021 के सर्वे में ये बात निकलकर आई है।
यह सर्वे, अप्रैल और अक्टूबर 2021 के बीच हुआ है। पहले दौर में 200,000 घरों और दूसरे दौर में 42,000 घरों को इसके अंदर कवर किया गया। यह रिपोर्ट 100 जिलों के 120 कस्बों और 800 गांवों से मिले आंकड़ों पर आधारित है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना महामारी ने शहर में रहने वाले गरीबों को सबसे अधिक प्रभावित किया है, उनकी इनकम इस दौर में खत्म हो गई।
यह भी पढ़ें : Omicron की वजह से New Zealand की PM को टालनी पड़ी अपनी शादी
यह भी पढ़ें : UP : अदिति सिंह ने प्रियंका गांधी को यहां से चुनाव लड़ने की दी चुनौती
यह भी पढ़ें : WHO ने बताया-किन लोगों को है ओमिक्रॉन वेरिएंट से मौत का खतरा

इस सर्वे में आय के आधार पर जनसंख्या को पांच भागों में विभाजित किया गया है। पहला सबसे गरीब 20 प्रतिशत जनसंख्या, यहां 53 प्रतिशत तक आमदनी घटी हुई दिखी है।
दूसरा निम्न मध्यम श्रेणी की आय में 32 प्रतिशत की गिरावट आई है। तीसरा मध्यम आय वर्ग के लोगों के लिए यह गिरावट 9 प्रतिशत है, चौथा ऊपरी मध्यम वर्ग में सात प्रतिशत की वृद्धि तो सबसे अमीर 20 प्रतिशत लोगों की आय में 39 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
यह भी पढ़ें : यूपी में CM का चेहरा कौन ? अब प्रियंका गांधी ने दी सफाई
यह भी पढ़ें : भारत ने पाक से संचालित 35 यूट्यूब चैनलों को ब्लॉक करने का दिया निर्देश
यह भी पढ़ें : कोरोना के चलते यूपी में 30 जनवरी तक स्कूल-कॉलेज बंद
सर्वे में यह भी पता चला है कि जहां सबसे अमीर 20 फीसदी लोगों की आय 1995 में कुल घरेलू आय का 50.2 प्रतिशत थी, वहीं 2021 में उनका हिस्सा बढ़कर 56.3 प्रतिशत हो गया। दूसरी ओर, सबसे गरीब 20 प्रतिशत की हिस्सेदारी 5.9 प्रतिशत से गिरकर 3.3 प्रतिशत हो गई।
यहां तक कि इस सबसे गरीब 20 प्रतिशत में, शहर में रहनेवाले लोग, गांवों की तुलना में अधिक प्रभावित हुए हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि शहरों में गरीबों की संख्या में वृद्धि हुई है। जबकि 2016 में सबसे गरीब 20 प्रतिशत में से 90 प्रतिशत लोग गांवों में थे। यह संख्या 2021 में घटकर 70 प्रतिशत हो गई। दूसरी ओर शहरी क्षेत्रों में सबसे गरीब 20 प्रतिशत की हिस्सेदारी लगभग 10 प्रतिशत से बढ़ गई है।
Jubilee Post | जुबिली पोस्ट News & Information Portal
