Tuesday - 9 January 2024 - 3:15 PM

मायावती के करीबी पूर्व MLC की 1000 करोड़ की संपत्ति अटैच

जुबिली न्‍यूज डेस्‍क

खनन माफिया और बहुजन समाज पार्टी के पूर्व विधान परिषद सदस्य मोहम्मद हाजी इकबाल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल, उत्तर प्रदेश में बसपा सरकार के दौरान यूपी सहकारी चीनी मिल बिक्री घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने पूर्व बसपा एमएलसी हाजी मोहम्मद इकबाल की 1000 करोड़ से ज्यादा की संपत्तियों को अटैच कर दिया है। सहारनपुर के पूर्व एमएलसी हाजी मोहम्मद इकबाल की 7 संपत्तियों को अटैच किया गया है।

यूपी सहकारी चीनी मिल बिक्री घोटाले में ईडी की कार्रवाई बसपा के पूर्व MLC  हाजी इकबाल की 1000 करोड़ की संपत्ति अटैच- UP co operative sugar mill sale  scam ED attached Former

2010 से लेकर 2011 के दौरान मायावती सरकार में इन चीनी मिलों को बेचा गया था। आरोप है कि करीब 11 चीनी मिलों को औने-पौने दाम पर बेच दिया गया। पूरे प्रदेश में कुल 21 से ज्यादा चीनी मिलों को बेहद कम दाम पर बेचने का आरोप है। इनमें से कई चीनी मिलों की बिक्री पर अब भी जांच चल रही है। आरोप है कि इस फर्जीवाड़े से राज्य सरकार और केन्द्र सरकार को करीब 1,179 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

बता दें काफी समय से प्रवर्तन निदेशालय पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल की संपत्ति अटैच करने की तैयारी कर रहा था। हाजी इकबाल पर चीनी मिलों की खरीद बिक्री के अलावा भी कई तरह के आरोप है। इनमें अवैध खनन से नामी, बेनामी संपत्ति खरीदने का भी आरोप है। सूत्रों ने बताया कि पूर्व एमएलसी की 2500 करोड़ की संपत्तियां ईडी के निशाने पर हैं। इन संपत्तियों में कई तो बेनामी भी हैं।

ED registers case under money laundering act in Rs 1,100 crore UP sugar  mills 'scam'- The New Indian Express

हाजी इकबाल के मामलों की जांच में आईबी, सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स, सीवीसी, सेबी, डीआरआई, सीबीडीटी, एनजीटी जैसी एजेंसियां शामिल हैं। आपको बता दें कि अवैध खनन के मामले में भी पूर्व एमएलसी मोहम्मद इकबाल आरोपी है। लकड़ी की टाल और फलों का कारोबार करने वाला मोहम्मद इकबाल बीते 15 सालों में सैकड़ों करोड़ का मालिक बन चुका है।

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हाल ही में इनके खिलाफ धोखाधड़ी करने के आरोप में जनकपुरी थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। बेहट तहसील के मीरपुर गंदेवड़ के प्रधान विश्वास कुमार ने थाना जनकपुरी में तहरीर देकर बताया कि उसने वैभव मुकुंद के साथ पार्टनरशिप में दो फर्म यमुना एग्रो सॉल्यूशन और यमुना एग्रो टेक फार्म साउथ सिटी दिल्ली रोड बनाई थी।

प्रधान का आरोप है कि उनके फर्जी हस्ताक्षर और डाक्यूमेंट लगाकर पंजाब नेशनल बैंक में फर्जी खाता खोला गया। इससे पूर्व एमएलसी की तीन कंपनियों में लाखों रुपये हस्तांतरित किए गए हैं। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

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