जुबिली स्पेशल डेस्क
मुंबई। महाराष्ट्र की सियासत में एक अप्रत्याशित मोड़ तब आया, जब पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (उद्धव गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सार्वजनिक रूप से प्रशंसा की।
ये सराहना फडणवीस के जन्मदिन के अवसर पर जारी की गई ‘महाराष्ट्र नायक’ नामक कॉफी टेबल बुक में दर्ज थी, जिसमें उद्धव ने उन्हें “प्रतिभाशाली, विश्वसनीय और जनसमस्याओं की गहरी समझ रखने वाला नेता” बताया।
उद्धव ठाकरे ने लिखा कि “फडणवीस का रोडमैप और 2029 तक विकसित महाराष्ट्र का विजन सराहनीय है। वह जनता के हित में काम करने वाले नेता हैं और आने वाले दिनों में राष्ट्रीय राजनीति में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।”
बावनकुले का बचाव और परंपरा की बात
इस अप्रत्याशित प्रशंसा पर राजनीतिक हलचल तेज हो गई, जिसके बाद राज्य के वरिष्ठ मंत्री और बीजेपी नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने उद्धव ठाकरे का बचाव करते हुए कहा, “महाराष्ट्र की परंपरा है कि किसी के जन्मदिन जैसे खास मौके पर उसके अच्छे कार्यों का उल्लेख किया जाता है। उद्धव जी ने इसी परंपरा का पालन किया है।”
शरद पवार का लेख भी चर्चा में
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी कॉफी टेबल बुक में अपने लेख में देवेंद्र फडणवीस की प्रशंसा की। उन्होंने लिखा, “फडणवीस की कार्यशैली केंद्रित और समर्पित है। यही वजह है कि वह तीसरी बार मुख्यमंत्री बन सके। उन्हें देखकर मुझे 1978 के वे दिन याद आते हैं, जब मैंने पहली बार मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली थी।”
फडणवीस की प्रतिक्रिया: “हम दुश्मन नहीं, राजनीतिक विरोधी हैं”
देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर में पत्रकारों से बातचीत में इन प्रतिक्रियाओं पर संतुलित प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “उद्धव ठाकरे और हम एक-दूसरे के दुश्मन नहीं हैं, बल्कि राजनीतिक विरोधी हैं। शरद पवार जैसे वरिष्ठ नेता की बात मेरे लिए महत्वपूर्ण है। उनकी राय का सम्मान करता हूं।”
राजनीतिक संकेत या सामाजिक शिष्टाचार?
इस घटनाक्रम ने महाराष्ट्र की राजनीति में कई सवाल खड़े कर दिए हैं—क्या यह सियासी समीकरणों में बदलाव का संकेत है या केवल सामाजिक शिष्टाचार का पालन? फिलहाल सभी पक्षों की प्रतिक्रियाएं यही कहती हैं कि यह एक ‘संस्कृति और सम्मान’ से जुड़ा कदम है, लेकिन इसके राजनीतिक अर्थ तलाशने का सिलसिला जारी है
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