वॉशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वैश्विक व्यापार जगत में एक बार फिर भूचाल ला दिया है। उन्होंने शनिवार को एलान किया कि 1 अगस्त 2025 से अमेरिका में मेक्सिको और यूरोपीय संघ से आयात होने वाले सभी उत्पादों पर 30 फीसदी टैरिफ लागू होगा।
ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर अपने आधिकारिक अकाउंट से मेक्सिको और यूरोपीय यूनियन को भेजे गए टैरिफ से जुड़े पत्र साझा किए, जिनमें उन्होंने इन शुल्कों को लागू करने के पीछे की वजह भी बताई।
मेक्सिको को चेतावनी: फेंटेनाइल संकट और सीमा पार से तस्करी चिंता का विषय
मेक्सिको के राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम पार्डो को संबोधित पत्र में ट्रंप ने लिखा कि अमेरिका और मेक्सिको के मजबूत संबंधों के बावजूद, मेक्सिकन ड्रग कार्टेल्स के कारण अमेरिका में फेंटेनाइल की तस्करी एक बड़ा खतरा बन चुकी है। ट्रंप ने कहा कि इस खतरे से निपटने के लिए यह टैरिफ आवश्यक हो गया है।“मेक्सिको ने भले ही कुछ प्रयास किए हों, लेकिन वे नाकाफी हैं। मैं अमेरिका को नार्को-ट्रैफिकिंग का मैदान नहीं बनने दूंगा,” – डोनाल्ड ट्रंप
यूरोपीय संघ को सख्त संदेश: उत्पादन अमेरिका में शिफ्ट करो या टैरिफ भुगतो
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन को भेजे पत्र में ट्रंप ने साफ शब्दों में कहा कि यूरोपीय उत्पादों पर भी 30% टैरिफ लगाया जाएगा, जिससे अमेरिका और EU के बीच के व्यापार घाटे को संतुलित किया जा सके।ट्रंप ने यह भी कहा कि यदि यूरोपीय कंपनियां अपने उत्पादों का उत्पादन अमेरिका में करना शुरू कर दें, तो उन पर कोई टैरिफ नहीं लगेगा।
“हम उत्पादन को अमेरिका में स्थानांतरित करने वाली कंपनियों को फास्ट-ट्रैक मंजूरी देंगे – पेशेवर और नियमित प्रक्रिया के तहत, कुछ ही हफ्तों में।”
ट्रंप की व्यापार नीति फिर चर्चा में
यह फैसला ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति का ताजा उदाहरण है, जिसे वे अपने चुनावी वादे और विदेशी नीति का हिस्सा बताते आए हैं। हालांकि, इस कदम से वैश्विक व्यापार संबंधों में खिंचाव बढ़ने की आशंका भी जताई जा रही है।