Sunday - 7 January 2024 - 2:23 AM

इस क्रिकेटर पर लगा पिच-रोलर चोरी करने का आरोप

जुबिली न्यूज डेस्क

जम्मू-कश्मीर में पिच-रोलर गायब होने का मामला चर्चा में है। इसकी वजह से ऑलराउंडर परवेज रसूल की मुश्किले बढ़ गई हैं।

जम्मू- कश्मीर क्रिकेट असोसिएशन (JKCA) का आरोप है कि ये रोलर परवेज रसूल ने चुराया है। JKCA ने इसको लेकर परवेज रसूल को कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।

JKCA ने कहा है कि या तो वे पिच रोलर लौटाएं या फिर कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहें।

असोसियेशन ने अपने बयान में कहा है, ‘आपके पास JKCA की संपत्ति है। विश्वास तोडऩे के बदले कोई भी कड़ा कदम उठाने, जिसमें पुलिस कार्रवाई भी शामिल हो सकती है, आपको निर्देश दिया जाता है कि एक सप्ताह में असोसिएशन का सामान लौटा दें वर्ना हम कोई भी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होंगे।’

हालांकि परवेज रसूल ने JKCA के आरोपों को खारिज किया है। इंडियन एक्सप्रेस ने परवेज रसूल के हवाले से कहा, ‘क्या एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर, जिसने जम्मू-कश्मीर क्रिकेट को अपनी तन-मन दिया, से व्यवहार करने का यह तरीका है?’

JKCA ने लगाया है आरोप

बीसीसीआई की ओर से जम्मू कश्मीर क्रिकेट असोसिएशन को चलाने के लिए नियुक्त किए गए तीन सदस्यों में से एक अनिल गुप्ता का कहना है कि इस मामले को बेवजह तूल दिया गया।

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उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि हमने सिर्फ परवेज रसूल को ही नहीं लिखा है बल्कि सभी जिला असोसिएशन में जो भी श्रीनगर से जम्मू-कश्मीर क्रिकेट असोसिएशन का सामान ले गया है उन्हें इस बाबत लिखा है। लेटर उन सभी लोगों को लिखे गए हैं जिनके नाम हमारे पास रजिस्टर्ड हैं। परवेज रसूल ने इस बात का बुरा माना है कि उन्हें लेटर क्यों लिखा गया।

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रसूल अनंतनाग जिले के बिजबेहरा के रहने वाले हैं। जेकेसीए ने पहले बिजबेहरा के मोहम्मद शफी को नोटिस भेजा और फिर रसूल को। अनिल गुप्ता ने कहा कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि रजिस्टर में उनके रिकॉर्ड में रसूल का नाम था।

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उन्होंने आगे कहा कि हमने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि हम एक ऑडिट रिपोर्ट तैयार करना चाहते हैं। वर्षों से यहां शायद ही कोई ऑडिट रिपोर्ट तैयार की गई हो। इसलिए अदालत के आदेश के बाद जब हमने कार्यभार संभाला तो देखा कि ये मशीनरी नहीं मिल रही है।

ये उप-समिति जून में जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय द्वारा एक आदेश पारित करने के बाद अस्तित्व में आई। भाजपा के दो प्रवक्ता अनिल गुप्ता और अधिवक्ता सुनील सेठी को क्रिकेटर मिथुन मन्हास के साथ पैनल में नियुक्त किया गया था।

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