Monday - 1 December 2025 - 1:37 PM

“कप उठाओ और सुनो”: वाराणसी के 50 गाँवों में बच्चों की आवाज़ को मिला मंच

जुबिली स्पेशल डेस्क

वाराणसी। बाल दिवस के अवसर पर “कप उठाओ और सुनो” अभियान की शुरुआत वाराणसी जिले के 4 ब्लाक बड़ागाँव पिंडरा हरहुआ और अराजीलाइन के 50 गाँव में संचालित हुआ।

इस अभियान में स्थानीय अधिकारियों, शिक्षकों और अभिभावक ने भागीदारी कर के बच्चो के बातों को सुनकर अपनी प्रतिक्रया व्यक्त किये

बच्चों के संदर्भ में यह नजरिया है कि बच्चे सिर्फ़ भविष्य ही नहीं हैं वे वर्तमान भी हैं। लेकिन उनकी आवाज़ को अक्सर दबा दिया जाता है और नज़र अंदाज़ कर दिया जाता है।मलाला का शिक्षा का आह्वान, ग्रेटा थनबर्ग का जलवायु परिवर्तन पर सवाल, ऐनी फ्रैंक की गवाही ये सभी इसलिए शक्तिशाली हुए क्योंकि किसी ने उनकी बात सुनी

इस अभियान का मुख्य सन्देश यह है कि जब बड़े सुनते हैं, तो बच्चों की आवाज़ें गति बन जाती हैं। बच्चो को जो मुद्दा समस्या या चिंताए प्रभावित कर रही है इसको वह प्रतीकात्मक रूप पेपर कप फोन के माध्यम से बच्चे अपने माता – पिता और अविभावक से बातचीत करेंगे और ये लोग निष्क्रिय दर्शक न बनकर सक्रिय श्रोता और भागीदार बनने के लिए प्रोत्साहित और समाधान करेंगे।

शोर और भटकाव से भरी इस दुनिया में, बच्चों की आवाज़ें अक्सर अनसुनी रह जाती हैं। “कप उठाओ और सुनो” अभियान के ज़रिए हम लोगों को खासकर बच्चों की बात सुनने के सरल लेकिन प्रभावशाली तरीके की याद दिलाना चाहते हैं।

पेपर कप फ़ोन के पुराने रूपक का इस्तेमाल करके, हम उन पलों की मासूमियत और जिज्ञासा को वापस लाते हैं।

इस अभियान में “पेपर कप” एक प्रतीक बन गया है: जिसका उद्देश्य यह है कि यह बच्चे की आवाज़ का प्रतिनिधित्व करता है जिसमे बच्चे की ईमानदारी जिज्ञासा उत्साहवर्धन और कल्पना से भरपूर वयस्कों के लिए, यह सुनने की क्रिया का प्रतिनिधित्व करता है जो ध्यान सहानुभूति और देखभाल के साथ रहता है।

जब हम “कप उठाते हैं” तो हम एक वादा करते हैं कि हम रुकेंगे, सुनेंगे और बच्चों की बात को गंभीरता से सुनेंगे। क्योंकि हर बदलाव बातचीत से शुरू होता है और हर बातचीत तब शुरू होती है जब हम सुनते हैं।

जनमित्र न्यास की मैनेजिंग ट्रष्टी श्रुति नागवंशी ने अभियान के संदर्भ में अपने उद्बोधन में कहा कि वाराणसी के चार ब्लाक बडागांव पिंडरा अराजीलाइन हरहुआ के 50 गाँव में इस वर्ष बाल दिवस बच्चो के हित और उनके सपनों को साकार करने के उद्देश्य से अलग तरह से मनाया गया जिसमे बच्चे अपने मंजिल तक पहुँचने के लिए आने वाले कठिनाइयो को अपने अविभावको के साथ साझा किये जिसके बाद उनके अविभावक ने उनकी चिंताए और समस्याओं को सुन कर उन्हें हल और समाधान करने के लिए आश्वासन दिए ।

जनमित्र न्यास द्वारा आयोजित “कप उठाओ और सुनो” गतिविधि ने बच्चों और समुदाय को एक अनोखे अनुभव से जोड़ा। कार्यक्रम की शुरुआत में बाल समूह के बच्चे उत्साह से इकट्ठा हुए।

अनेई मुसहर बस्ती की अगुआ महिला विमला बनवासी ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया। जब बच्चों को पेपर कप से बना हुआ प्रतीकात्मक फोन दिखाया गया तो वे हँसते हुए चकित हो गये बच्चे बोले इसमें कैसे सुनाई देगा जनमित्र न्यास के कार्यकर्ताओं ने बच्चों को सहज किया और उन्हें कप फोन से बात करके देखने को कहा। जैसे ही आवाज़ सुनाई पड़ी, बच्चे अचंभे से खिलखिलाने लगे।

इस सरल-सी गतिविधि ने बच्चों के जीवन की वास्तविक चुनौतियों बचपन की जिम्मेदारियाँ, छूटी हुई पढ़ाई, और मेहनतकश परिवारों की मजबूरी सबके सामने ला दीं। बाल दिवस का यह कार्यक्रम सिर्फ़ एक खेल नहीं था, यह बच्चों की आवाज़ को सुनने और उनकी दुनिया को समझने का एक संवेदनशील अनुभव था।

15 दिन का इस अभियान को सफलतापूर्वक पहुचाने के लिए हरहुआ ब्लाक के सामाजिक कार्यकर्ता प्रतिमा पाण्डेय ब्रिजेश पाण्डेय शोभनाथ सुभाष प्रसाद, पिंडरा ब्लाक के गीता देवी संजय कुमार विनोद कुमार, बडागांव ब्लाक के संध्या चमेली देवे व मंगला प्रसाद, अराजीलाइन ब्लाक के सोमारू पटेल व आनन्द निषाद का योगदान रहा और विशेष योगदान मैनेजिंग ट्रष्टी श्रुति नागवंशी जी का रहा जिनके दिशानिर्देश के अनुसार पुरे अभियान को संचालित किया।

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