Sunday - 14 January 2024 - 5:38 AM

हास्य समारोह ‘लन्तरानी’ में खूब लगे ठहाके

जुबिली पोस्ट ब्यूरो

लखनऊ। कहकहे, तालियां, ठहाके और वाह- वाह का शोर यही नजारा गोमतीनगर के लोहिया पार्क के मुक्ताकाशी मंच पर दिखाई दिया। अवसर था अवधी विकास संस्थान और साहित्यगंधा की ओर से आयोजित चतुर्थ हास्य समारोह लन्तरानी का। कार्यक्रम का उद्घाटन न्यायमूर्ति एससी वर्मा एवं अन्य अतिथियों ने किया।

अनूठे ढंग से बांटे गये लन्तरानी अवार्ड का उपस्थित दर्शकों ने ठहाकों के साथ आनन्द लिया। इस अवार्ड को प्राप्त करने वाला अतिथि स्वयं एक पर्चा उठाता। पर्ची पर लिखा हुआ उपहार उसे दिया जाता। किसी को गरम मसाला, किसी को मिर्च पाउडर, किसी को सब्जी मसाला तो किसी को धनिया पाउडर दिया गया।

इनाम के साथ लन्तरानी के संस्थापक स्माईलमैन सर्वेश अस्थाना और संचालक मुकुल महान उस उपहार को लेकर वर्तमान स्थितियों पर कोई चुटीली टिप्पणी करते और पूरा प्रांगण ठहाकों से गूंज उठता। इन्हीं सब मस्ती और ठहाकों के बीच ठहाकों के बीच लखनऊ के वरिष्ठ हास्य कवि सूर्य कुमार पाण्डेय को लंतरानी सम्मान-2019 और राजेंद्र पण्डित को लंतरानी अवध सम्मान-2019 से नवाजा गया।

कार्यक्रम के अन्त में श्रोताओं को भी लकी ड्रा के माध्यम से नकद पुरस्कार राशि देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुकुल महान के चुटीले संचालन में हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें आमंत्रित हास्य कवियों ने अपनी कविताओं के माध्यम से लन्तरानी को आगे बढ़ाते हुए श्रोताओं को देर तक ठहाके लगवाए।

लकी ड्रा में नकद पुरस्कार पाकर खिल उठे श्रोताओं के चेहरे

रतलाम से आये धमचक मुल्तानी ने, जिस देश में मेहनत करने वाले झोपड़ी में, और मक्कारी करने वाले महलों में रहते हैं। उस व्यवस्था को हम प्रजातंत्र कहते हैं..सुनाकर व्यवस्था पर तंज किया।

वाराणसी के धुरंधर हास्य कवि डॉ. अनिल चौबे ने- बटन सी आँख बीच चायनीज नाक तेरी धाक में सुराक कर देंगे लाल माऊ के। एक बात जीनपिंग ठीक से समझ लेना कोट में गुलाब नहीं दाढ़ी वाले ताऊ के। ड्रेगन के परदादा कालिया के फन पर कथक किये थे लघु भ्राता बलदाऊ के। कान खोल सुन लेना बाप ही लगेंगे हम इजिंग बीजिंग क्विंग चींग चांग चाऊ के.. जैसी कविताओं से श्रोताओं को लोटपोट किया।

वहीं कानपुर से आए हेमन्त पाण्डेय ने- तुम जानती हो हम मनमानी नही करते, मजनू की तरह अधूरी कहानी नही करते प्यार करते है तुमसे तो शादी में करेंगे, नेताओं की तरह हम लंतरानी नही करते.. सुनाकर ठहाके लगवाए।

रामपुर से आए कवि शरीफ भारती ने- कोई पी के पिला के टूट गया, कोई बाइक चला के टूट गया, जिसको छेड़ा वो पुलिस वाली थी, इश्क़ थाने में जा के टूट गया.. सुनाकर श्रोताओं को हंसाया।

हास्य कवि सूर्य कुमार पाण्डेय ने- वादे हजार होते मिलता न जिनका सानी। प्रेमी हो कि प्रत्याशी है एक ही कहानी, जो है नशे में उसका क्या ऐतबार कीजे, इश्क और मोहब्बत सब ही हैं लंतरानी..सुनाकर राजनीति और लंतरानी के बीच संबंध बताकर गुदगुदाया।

सूर्य कुमार पाण्डेय को ‘लन्तरानी सम्मान’ और राजेंद्र पंडित को ‘लंतरानी अवध सम्मान’

हास्य कवि राजेंद्र पण्डित ने- कुछुए से जब हार गया खरगोश बहुत खिसियाया, घर जाकर अपनी पत्नी से उसने यूं फ़रमाया। मैं जीता था, किन्तु लिखी है, सबने गलत कहानी, जिस मशीन से समय निकाला, उसने की बेईमानी.. सुनाकर ठहाके लगवाए।

इस अवसर पर न्यायमूर्ति एससी वर्मा, अनिल टेकड़ीवाल, दीपक रंजन, अमित सिंघानिया, विनोद मिश्रा, आदित्य द्विवेदी, जितेंद्र परमार, वीके शुक्ला, पंकज प्रसून, अभय सिंह निर्भीक, सौरभ शशि, पंकज श्रीवास्तव, क्षितिज कुमार, वत्सला पांडेय, नितीश तिवारी, चंद्रेश शेखर, पद्मा गिडवानी, जितेश श्रीवास्तव, देवराज अरोड़ा, मयंक रंजन, बाबू लाल पाखंडी, संतोष सिंह, सुभाष रसिया सहित नगर के तमाम सम्मानित पत्रकार, साहित्यकार एवं गणमान्य लोग मौजूद रहे।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com