जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के पारिवारिक न्यायालय में एक अजीब-ओ-गरीब मामला आया लेकिन न्यायालय ने इस मामले को बड़ी सूझबूझ से निबटा दिया. हुआ यूं कि ग्वालियर के अशोकनगर इलाके में एक महिला को शादी के सिर्फ छह महीने के बाद ही बच्चा हो गया. बच्चे के जन्म के बाद ससुराल में बवाल मच गया. ससुराल वालों ने उसे बदचलन कहकर घर से बाहर निकाल दिया.
ससुराल से निकाले जाने के बाद महिला अपने मायके आ गई. उसने पारिवारिक न्यायालय में इस मामले को लेकर अर्जी दाखिल की तो कोर्ट ने पूछताछ के लिए सबसे पहले महिला के पति को बुलाया. उसके पति ने अदालत को बताया कि उसकी लव मैरिज हुई थी. शादी से पहले ही उसके अपनी पत्नी के साथ रिश्ते थे. वह यह बात जानता है कि बच्चा उसी का है. उसने अदालत को यह भी बताया कि परिवार की मर्जी से शादी के पहले ही वह मन्दिर में उसके साथ शादी कर चुका था.

सच जानने के बाद अदालत ने उसके पति से कहा कि अगर वह सही बात जानता है तो बेहतर होगा कि वह अपने परिवार को समझाए वर्ना अदालत बच्चे का डीएनए टेस्ट करायेगी. उसका डीएनए अगर मैच हो गया तो उसे जेल जाना पड़ेगा. अदालत ने जेल का डर दिखाया तो उसके पति ने अपने परिवार सामने यह मान लिया कि बच्चा उसी का है. ससुराल को अपनी गलती का अहसास हुआ तो सास ने फोन पर अपनी बहू से न सिर्फ बात की बल्कि वह बेटे की ससुराल गई और अपनी बहू व बेटे को लेकर वापस लौटी.
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