जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना.बिहार में विधानसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है और सियासी गर्मी चरम पर है। इसी बीच राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक बड़ा राजनीतिक संकेत देते हुए कहा है कि विपक्ष चुनाव बहिष्कार जैसे विकल्प पर भी विचार कर सकता है।
आईएएनएस को दिए एक इंटरव्यू में जब तेजस्वी से पूछा गया कि क्या विपक्ष संयुक्त रूप से चुनाव का बहिष्कार कर सकता है, तो उन्होंने कहा “इस पर भी चर्चा हो सकती है। हम देखेंगे कि जनता क्या चाहती है और सभी दलों की क्या राय है।”
रणनीति के संकेत या दबाव की राजनीति?
तेजस्वी यादव का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब विपक्षी खेमे में गहन मंथन चल रहा है। उनके मुताबिक, जनता की भावना और सभी सहयोगी दलों की राय को प्राथमिकता दी जाएगी। हालांकि उन्होंने चुनाव बहिष्कार की कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की, लेकिन इसे विपक्ष की सख्त रणनीति की ओर इशारा माना जा रहा है।
कब होंगे बिहार चुनाव?
बिहार विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है। ऐसे में चुनाव आयोग द्वारा अक्टूबर–नवंबर 2025 के बीच चुनाव कराए जाने की संभावना है।
फिलहाल SIR (विशेष गहन पुनरीक्षण) को लेकर राजनीतिक हलकों में काफी चर्चा है।
- प्रारूप मतदाता सूची: 1 अगस्त 2025
- अंतिम सूची: 30 सितंबर 2025
सदन में गरमा गरमी भी तेजस्वी-नीतीश के बीच भिड़ंत
बुधवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच तीखी बहस हुई।
सदन में दोनों नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चल ही रहा था कि भाई वीरेंद्र की टिप्पणी पर जबर्दस्त हंगामा शुरू हो गया।
तेजस्वी यादव का बयान इस ओर इशारा कर रहा है कि आने वाले दिनों में विपक्ष कोई बड़ा और अप्रत्याशित फैसला ले सकता है। क्या चुनाव बहिष्कार वाकई एक गंभीर विकल्प है या सिर्फ सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति?
जवाब शायद जल्द ही सामने आ जाएगा।