जुबिली स्पेशल डेस्क लखनऊ। महामना मालवीय मिशन के तत्वावधान में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और स्वतंत्रता सेनानी एवं शिक्षाविद पंडित मदन मोहन मालवीय जयन्ती के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। महामना मालवीय विद्या मन्दिर इंटर कॉलेज के परिसर में आयोजित कार्यक्रम में प्रात: तीन घंटे तक श्रीमद्भागवत …
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मोती लाल वोरा : कांग्रेस का चेहरा, सियासत का सरताज
शबाहत हुसैन विजेता लखनऊ. मोती लाल वोरा भारतीय राजनीति का ऐसा चेहरा जिनकी पूरी ज़िन्दगी कांग्रेस के लिए समर्पित रही..लेकिन सभी राजनीतिक दलों में उनकी इज्जत थी. उनकी सबसे बड़ी खासियत यह थी कि वह राजनेताओं के बीच भी लोकप्रिय थे और पत्रकारों के बीच भी खूब पसंद किये जाते …
Read More »डंके की चोट पर : इज्जत टीआरपी में नहीं खबर की सच्चाई में है
शबाहत हुसैन विजेता लाईट, कैमरा, एक्शन. ग्लैमर से भरे हैं यह तीन लफ्ज़. इन तीन लफ़्ज़ों में इतना खिंचाव है कि नयी उम्र के लोग अपना घर छोड़कर मुम्बई भाग जाते थे. फिल्मों का ग्लैमर घर में मिलने वाली मोहब्बत से भी बड़ा होता था. फिल्मों जैसा ग्लैमर ही पत्रकारिता …
Read More »गद्दारी, दलाली, जालसाज़ी, लड़कीबाज़ी और घोटालेबाज़ी में क्यों सिमट रही पत्रकारिता !
नवेद शिकोह मातृभूमि भारत माता की तरह पत्रकारिता का पेशा भी मां की तरह है। दुर्भाग्य कि इस मां का हर रोज़ बलात्कार होता है। पत्रकारिता के पेशेवर ही ऐसे बलात्कार को अंजाम देते हैं। करीब हर रोज़ पत्रकारों की गिरफ्तारी की खबरें आती हैं। कभी-छुटपुट मामले होते हैं तो …
Read More »हिंदी पत्रकारिता दिवस पर मीडिया मंच के विशेष अंक का विमोचन
बेदाग रहा है मीडिया मंच के 22 वर्षों का कामयाब सफर : नवनीत सहगल पत्रिका का नियमित प्रकाशन ही सफलता का प्रमाण : शिशिर जुबिली न्यूज़ डेस्क लखनऊ. उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव खादी ग्रामोद्योग एवं एमएसएमई नवनीत सहगल ने आज मीडिया मंच के 22 वर्ष पूरे होने के अवसर …
Read More »मोदी काल में पत्रकारिता
सुरेन्द्र दुबे आज पत्रकारिता दिवस है इसलिए हमने सोचा कि क्यों न हम पत्रकारिता की दशा और दुर्दशा पर चिंतन करें. हो सकता है पत्रकारिता आने वाले दिनों में और निचले पायदान पर चली जाए या हो सकता है कि पत्रकारों की आत्मा जागे जिससे समाज को लगे कि भले …
Read More »मीडिया क्यों शाबाशी और समर्थन की हकदार है ?
केपी सिंह कलयुग बोध पत्रकारिता में भी सालता है। इस बोध के चलते लगता है कि वर्तमान बहुत खराब जमाने के रूप में सामने है। अतीत में जो लोग पत्रकारिता में थे वे बहुत पवित्र आत्माएं थीं, आज सबकी सोच बहुत गंदी है। नेता की बात चले, पुलिस की बात …
Read More »जानिए गाँधी जी के अंतिम पलों के गवाहों की कहानी
नेशनल डेस्क नई दिल्ली। मृदुला गांधी भारतीय इतिहास का एक जाना-पहचाना चेहरा है। जिसने आखिरी दो साल में महात्मा गाँधी के साथ ‘सहारा’ बनकर साये की तरह रही। फिर भी यह चेहरा लोगों के लिए एक पहेली है। 1946 में सिर्फ 17 वर्ष की आयु में यह महिला महात्मा …
Read More »जानिए गाँधीजी की 150वीं जयंती पर देश में क्या-क्या है तैयारी
नेशनल डेस्क नयी दिल्ली। 2 अक्टूबर को भारत सहित दुनिया के कई अन्य देशों महात्मा गाँधी के जयंती धूम-धाम से मनाई जा रही है। देश में स्कूलों और राजनीतिक पार्टियों के कार्यालयों सहित दिल्ली स्थित गाँधी प्रतिमा पर गाँधी जी की जयंती के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा …
Read More »गांधी के आइने में आज की पत्रकारिता
केपी सिंह गांधी जी का योगदान बहुआयामी और विराट रहा है। इसलिए एक बार में उन पर समग्र चर्चा संभव नही हो पाती। गांधी जी ने लोगों में स्वाधीनता की लौ उद्दीप्त करने के लिए पत्रकारिता को भी प्रमुखता से अवलंब बनाया था। लेकिन इस पर बहुत कम विमर्श हुआ …
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