Sunday - 7 January 2024 - 6:06 AM

‘स्ट्रॉबेरी’ इससे जुड़ी दिलचस्प बातें कर देंगी आपको हैरान

जुबिली न्यूज डेस्क

स्ट्रॉबेरी देखने में जितनी मोहक और खूबसूरत है, शरीर के लिए भी उतनी ही फायेदेमंद है. इसमें पाए जाने वाले विशेष तत्व दिल को तो स्वस्थ रखते ही हैं, साथ ही दिमाग में उचित शक्ति का संचार करते हैं. पश्चिमी देशों में इसे प्रेम का फल माना जाता है और इसे वहां बेहद पसंद किया जाता है. अब तो भारत ने भी इस फल को अपना लिया है और मौसम को ‘अनुकूल’ बनाकर इसकी खेती की जा रही है.

स्ट्रॉबेरी को ‘प्रेम का फल’ माना जाता है

भारत में आजकल स्ट्रॉबेरी खूब नजर आने लगी है. यहां तक सड़कों-चौराहों पर भी डिब्बा-बंद पैकेट में इन्हें बेचा जाने लगा है. पश्चिमी देशों के जंगलों में यह हजारों वर्ष पूर्व ही दिखाई देने लगी थी, लेकिन बेस्वाद और रूखी होने के चलते यह लोगों की जुबान और दिल में नहीं उतर पाई. बाद में इस फल पर बेहद मेहनत की गई और उसे खेती योग्य बनाया गया. रोम के प्राचीन साहित्य में जंगली स्ट्रॉबेरी का वर्णन है. स्ट्रॉबेरी को ‘प्रेम का फल’ माना जाता है. विशेष बात यह है कि स्ट्रॉबेरी को गुलाब परिवार का ही माना जाता है.

ग्रीक पौराणिक कथाओं के अनुसार प्रेम की देवी वीनस के प्रेमी एडोनिस, जो बहुत ताकतवर व तेज दिमाग युवा था, उसे शिकार के दौरान एक जंगली सूअर ने मार दिया था. उसकी मृत्यु से आहत वीनस ने जब विलाप किया तो उसके आंसू टपककर पृथ्वी पर पहुंचते-पहुंचते लाल दिल के आकार के फलों में बदल गए. देवी वीनस व एडोनिस की इस कथा का वर्णन जाने-माने अंग्रेज कवि विलियम शेक्सपियर ने भी अपनी एक कथात्मक कविता (वर्ष 1593) में किया है. यह संभवत: उनकी पहली कविता मानी जाती है.

नवविवाहितों को दिया जाता था इसका जूस

यह भी किंवदंती रही थी कि अगर डबल स्ट्रॉबेरी में से एक को तोड़कर किसी अन्य स्त्री-पुरुष को दे दिया जाए तो वे एक-दूसरे से प्यार करने के चक्कर में पड़ जाएंगे. प्राचीन काल में रक्ताभ रंग को देखकर इसे कामोत्तेजक भी माना जाता था और इसका जूस नवविवाहितों को दिया जाता था. प्रेम का प्रतीक मानते हुए ही मध्यकाल में चर्च की वेदियों और गिरजाघर के स्तंभों स्ट्रॉबेरी में उकेरा गया. लाल रंग को देखते हुए प्राचीन रोम के लोग मानते थे कि स्ट्रॉबेरी में औषधीय शक्तियां होती हैं. वह रंग के साथ-साथ इसके आकार से भी मोहित थे, इसलिए वे अवसाद, बेहोशी से लेकर बुखार, गुर्दे की पथरी, सांसों की बदबू और गले में खराश आदि समस्याओं में इस फल को खाते थे.

Close up of basket with strawberries on a garden wooden table.

दिल, दिमाग और हड्डियों के लिए लाभ

फलों के पोषक तत्वों की जानकारी देने वाले एक संगठन के अनुसार 100 ग्राम स्ट्रॉबेरी में पानी 91 ग्राम, कैलोरी 32, प्रोटीन 0.67 ग्राम, फेट 0.3 ग्राम, कार्बोहाइड्रेट 7.68 ग्राम, फाइबर 2 ग्राम, ग्लूकोज 4.89 ग्राम, विटामिन सी 59 मिलीग्राम, कैल्शियम, 16 मिलीग्राम, आयरन 0.41 मिलीग्राम, मैग्नीशियम 13 मिलीग्राम के अलावा फास्फोरस, पोटेशियम, कॉपर, जिंक, सोडियम आदि खनिज भी पाए जाते हैं. फूड एक्सपर्ट व न्यूट्रिशियन कंसलटेंट नीलांजना सिंह के अनुसार स्ट्रॉबेरी में एलाजिक एसिड, फ्लेवोनोइड्स जैसे समूह भरपूर हैं जो शरीर को एंटीऑक्सीडेंट बनाए रखते हैं, इसी कारण यह फल दिल के लिए बेहद अनुकूल है.इसमें पोटेशियम, आयोडीन, फाइटोकेमिकल्स और विटामिन सी भी पर्याप्त मात्रा में है जो दिमागी ताकत को बढ़ाते हैं. यही गुण आंखों की रोशनी को भी बेहतर बनाए रखते हैं. इसका सेवन शुगर लेवल को भी कंट्रोल में रखता है. स्ट्रॉबेरी में जितने भी तत्व मौजूद हैं, उनमें से अधिकतर हड्डियों को मजबूत बनाने में भूमिका अदा करते हैं. साथ ही ऑस्टियोआर्थराइटिस  से भी लड़ते हैं.

प्रतिरक्षा सिस्टम बढ़ाती है, 

सिंह का यह भी कहना है कि यह फल प्रतिरक्षा सिस्टम (Immune System) को भी बूस्ट करता है. चूंकि इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो गठिया के दर्द को कम करने में मदद करते हैं. इसका सेवन शरीर में बनने वाले विषाक्त पदार्थों को भी लगातार निकालता रहता है. यह स्किन के लिए भी लाभकारी है, लेकिन खाने से नहीं लगाने से. इसका पेस्ट बनाकर स्किन पर लगाया जाए तो वह उसे ताजा व कोमल बनाए रखती है. इसका फेस मास्क भी कारगर है. मोटे तौर पर स्ट्रॉबेरी में कोई साइड इफेक्ट नहीं है. बेहतर यह है कि ऑर्गेनिक स्ट्रॉबेरी का सेवन करें. वैसे इसका अधिक सेवन करने से ब्लड शुगर में इजाफा हो सकता है. पेट गड़बड़ा सकता है और लूजमोशन भी हो सकते हैं. इससे अधिक सेवन से जी मिचला सकता है.

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