Saturday - 13 January 2024 - 4:25 PM

दुनियाभर में कोरोना का कोहराम जारी, वैज्ञानिकों ने खोजा COVID-19 के तीन रूप

न्‍यूज डेस्‍क

पूरी दुनिया में जानलेवा कोरोना वायरस (COVID-19) का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। दुनियाभर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या एक लाख के पार पहुंच चुकी है। दुनिया भर में 16 लाख 99 हजार से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हैं। जिनमें से लगभग 70 प्रतिशत मौत यूरोप में हुई हैं।

कोरोना वायरस की वजह से यूरोप के ज्यादतर देशों में लॉकडाउन लागू है। रोम और मैड्रिड, पेरिस समेत हर जगह सन्नाटा पसरा है। वहीं, इटली और आयरलैंड में लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है। इटली के प्रधानमंत्री के मुताबिक देश में 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है। जबकि आयरलैंड में लॉकडाउन की अवधि को 5 मई तक के लिए बढ़ाया गया है।

हालांकि, 3 लाख 77 हजार से ज्यादा लोगों को इस वायरस से बचाया जा चुका है। कोरोना वायरस की चपेट में आकर मरने वालों की संख्या सबसे ज्यादा इटली में हैं। यहां 18 हजार 800 सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा अमेरिका में अब तक 501,301 पॉजिटिव केस कंफर्म हो चुके हैं, जबकि 18,758 लोगों की कोरोना की चपेट में आकर मौत हो गई है।

इसके अलावा स्पेन, जर्मनी, तुर्की और अन्‍य देशों में भी मरने वालों का सिलसिला थमता दिखाई नहीं दे रहा है। वहीं इस बीच कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों कोरोना को लेकर एक खुलासा किया है। वैज्ञानिकों की मानें तो कोरोना के ये तीन प्रकार आज पूरी दुनिया में कहर बरपा रहे हैं।

टाइप A

यह वायरस पहले चमगादड़ से पैंगोलिन जैसे किसी जानवर में फैला था। इसके बाद ये वहां के मीट मार्केट से होता हुआ चीन के वुहान में पहुंचा और इंसानों को संक्रमित किया। शोधकर्ताओं ने कोरोना वायरस की इस नस्‍ल को यूनिवर्सिटी नस्‍ल को ‘टाइप ए’ करार दिया है। उनके मुताबिक यह वायरस चीन में रहने के बाद जापान, आस्‍ट्रेलिया और अमेरिका में पहुंच गया।

टाइप B

शोधकर्ताओं मुताबिक इसी वायरस का बदले हुए रूप को टाइप बी का नाम दिया गया है। इसकी वजह से भी चीन में हजारों लोगों की जान गई है। टाइप बी भी यहां के बाद यूरोप, दक्षिण अमेरिका और कनाडा तक जा पहुंचा।

टाइप C

सिंगापुर, इटली और हांगकांग में अब टाइप सी हजारों लोगों की जान ले चुका है। इसके शुरुआती मरीज फ्रांस, इटली, स्वीडन और इंग्लैंड में मिले थे। रिसर्च के मुताबिक, इटली में यह वायरस जर्मनी से पहुंचा और जर्मनी में इसका संक्रमण सिंगापुर के लोगों के जरिए हुआ।

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