जुबिली न्यूज डेस्क
भाजपा और जेडीयू के बीच तनातनी के साथ ही बिहार की सियासत तेजी से गरमाने लगी है। अरूणाचल प्रदेश में जेडीयू के छह विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बाद से जेडीयू, भाजपा से नाराज है। इसके साथ ही बीजेपी कई फैसलों के लिए नीतीश सरकार पर लगातार दबाव बढ़ाती जा रही है। ऐसे में एनडीए के भीतर खटास लगातार बढ़ती जा रही है।
जेडीयू ने भाजपा को गठबंधन के धर्म का न पालन करने का आरोप लगाते हुए चेतावनी भी दी है। इसके अलावा जेडीयू ने बिहार में ‘लव जिहाद’ पर कानून लाने की संभावना से इनकार किया। फिलहाल इन दोनों दलों के बीच हुई अनबन के बीच आरजेडी सक्रिय हो गई है।
सोमवार को आरजेडी के वरिष्ठ नेता और बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने कहा कि अगर नीतीश कुमार एनडीए से बाहर निकलते हैं और तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाते हैं, तो विपक्ष उन्हें ” 2024 चुनावों के लिए पीएम उम्मीदवार की तरह प्रोजेक्ट करने की कोशिश करेगा।”

अंग्रेजी अखबार इन्डियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार चौधरी ने कहा कि वो बिहार के घटनाक्रम पर कड़ी नजर रख रहे हुए हैं। उन्होंने कहा कि ये साफ है कि बीजेपी बिहार गठबंधन में “नीतीश कुमार पर अपना अधिकार जताना चाहती है।”
बिहार के इस सियासी घटनाक्रम पर राज्यसभा सांसद और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि एनडीए गठबंधन “अटूट” है और यह कि नीतीश बिहार के सीएम पद के लिए एनडीए के “स्वाभाविक विकल्प” थे, भले ही “वह मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे”।
मीडिया से बात करते हुए मोदी ने कहा कि, “नीतीश कुमार सही कह रहे हैं कि वो सीएम नहीं बनना चाहते थे, लेकिन एनडीए चाहता था कि वो सीएम बने, वो हमारे स्वाभाविक विकल्प थे। हम उनके चेहरे पर चुनाव लड़े थे। ”
40-45 सीटें लाने के बाद आप कह रहे हैं आपको दबाव में CM बनाया गया। क्यों आपने यह दबाव स्वीकार किया? अरुणाचल में आपके 6 विधायकों को तोड़ा गया और आपके लोग प्रतिकार तक नहीं कर पाए। इतनी लाचारी हमने बिहार के किसी कद्दावर नेता में नहीं देखी थी: मनोज झा, RJD, नीतीश कुमार पर बोलते हुए pic.twitter.com/rwPic3PFmU
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 28, 2020
मोदी के इस बयान पर पलटवार करते हुए आरजेडी नेता और राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि, “इतनी लाचारी हमनें बिहार के किसी कद्दावर नेता में नहीं देखी।”
पिछले एक हफ्तेे में बिहार की राजनीति में काफी हलचल हुई है। आरसीपी सिंह ने जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पदभार संभाला है, वहीं केसी त्यागी जैसे वरिष्ठ नेताओं ने अरुणाचल में जो हुआ उसे गठबंधन धर्म के खिलाफ बताया है।
वहीं कुछ वरिष्ठ जेडीयू नेताओं ने ये माना है कि “विश्वास की कमी है, इससे इनकार नहीं किया जा सकता।”
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आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी और कांग्रेस के अजीत शर्मा जैसे विपक्षी नेताओं ने कहा है कि पहला कदम नीतीश कुमार को उठाना होगा।
वहीं जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता के सी त्यागी ने द इंडियन एक्सप्रेस अखबार से बात करते हुए कहा, “हमने कुछ चीजों को लेकर आपत्ति दर्ज की है। हम अभी भी मानते हैं कि बीजेपी ने अरुणाचल प्रदेश में गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया। ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं थी। हमने यह भी स्पष्ट किया कि बिहार में लव जिहाद पर कोई कानून बनाने का सवाल नहीं उठता।”
“जहां तक बीजेपी के साथ हमारे संबंधों की बात है, यह बिहार में बहुत मजबूत है।”
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