Sunday - 7 January 2024 - 8:09 AM

कृषि कानून को लेकर NDA में भी रार, इस पार्टी ने नाता तोड़ने की दी धमकी

जुबिली स्पेशल डेस्क

देश में इन दिनों कृषि कानून को लेकर बवाल मचा हुआ है। किसान कृषि कानून को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है और इस वजह से मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ गई है।

दिल्ली के बुराड़ी डीडीए मैदान में कंपकपाती ठंड के बीच देश के कई राज्यों के किसान डटे हुए हैं। किसानों का कहना है कि वे हक मांगने आए हैं, भीख नहीं। किसानों ने एक स्वर में कहा कि कृषि बिल किसान विरोधी है।

पूरे देश का पेट भरने वाला किसान किसान आज इस ठंड में अपनी लड़ाई लडऩे के लिए सड़कों पर उतरा है। हम बिल वापस कराए बिना नहीं लौटेंगे। ऐसे में एनडीए में अब कृषि कानून को लेकर एक राय देखने को नहीं मिल रही है।

दरअसल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक और सांसद हनुमान बेनीवाल ने तीनों कृषि कानून को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। उन्होंने अपने पत्र के माध्यम से मोदी सरकार से तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग की है।

उन्होंने कानून वापस न लेने पर एनडीए छोडऩे की धमकी भी दी है। पार्टी ने कहा है कि अगर इस मामले में त्वरित कार्रवाई नहीं की गई तो वह एनडीए का सहयोगी दल बने रहने पर पुनर्विचार करेगी।

पत्र में क्या लिखा है

आरएलपी के संयोजक व राजस्थान के नागौर लोकसभा क्षेत्र से सांसद हनुमान बेनीवाल ने सोमवार को पत्र लिखा है और ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने अमित शाह को पत्र लिखा है।

अपने पत्र में उन्होंने लिखा है कि अमित शाह जी, देश में चल रहे किसान आंदोलन की भावना को देखते हुए हाल ही में कृषि से सम्बंधित लाए गए तीन विधेयकों को तत्काल वापस लिया जाए व स्वामीनाथन आयोग की सम्पूर्ण सिफारिशों को लागू करें व किसानों को दिल्ली में त्वरित वार्ता के लिए उनकी मंशा के अनुरूप उचित स्थान दिया जाए।

बेनीवाल ने आगे लिखा कि चूंकि आएलपी, राजग का घटक दल है परन्तु आरएलपी की ताकत किसान व जवान है, इसलिए अगर इस मामले में त्वरित कार्रवाई नहीं की गई तो मुझे किसान हित में राजग का सहयोगी दल बने रहने के विषय पर पुनर्विचार करना पड़ेगा।

बता दें कि बुराड़ी के डीडीए मैदान में चारों तरफ गेट के पास पुलिस और सीआरपीएफ के जवान तैनात हैं। हर आने वाली हर गाड़ी की चेकिंग हो रही है। उसका नंबर नोट किया जा रहा है। आने का कारण पूछा जा रहा है।

हालांकि आंदोलन में आने वालों को रोका नहीं जा रहा है। बड़ी संख्या में लोग उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से अपने साधनों से आ रहे हैं।

बुराड़ी परिसर में किसानों की संख्या कम है। यहां लगभग 1000 किसान है लेकिन, यहां बड़े-बड़े टेंट लग रहे हैं। उनके खाने के लिए रसोई, सोने और ओढऩे के लिए बिस्तर लगाए गए हैं।

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किसानों का कहना है कि हो सकता है कि हम लोगों के समर्थन में आने वाले किसानों के लिए यहां व्यवस्था हो रही हो, लेकिन जो किसान यहां आ रहा है वह अपनी व्यवस्था करके आ रहा है। हम किसी सरकार के भरोसे नहीं हैं।

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