Monday - 14 July 2025 - 4:55 PM

27 हजार स्कूल बंद करने की तैयारी? प्रियंका गांधी का योगी सरकार पर बड़ा आरोप

जुबिली न्यूज डेस्क 

लखनऊ | उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा लागू किए जा रहे “स्कूल विलय” यानी पेयरिंग मॉडल को लेकर राज्य की राजनीति में घमासान मचा हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जहां इसे संसाधनों के बेहतर उपयोग और शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने वाला कदम बताया है, वहीं विपक्षी दलों – समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस – ने इसे गरीबों और वंचित वर्गों के बच्चों के शिक्षा अधिकार पर हमला करार दिया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को बेसिक शिक्षा विभाग की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में कहा कि विद्यालयों की पेयरिंग प्रणाली को दूरगामी और व्यापक दृष्टिकोण से लागू किया जाए। उन्होंने कहा, “जिन विद्यालयों में 50 से अधिक छात्र अध्ययनरत हैं, उन्हें स्वतंत्र विद्यालय के रूप में संचालित किया जाए। इससे प्रशासनिक सुविधा, जवाबदेही और शैक्षणिक निगरानी अधिक प्रभावी ढंग से की जा सकेगी।”

सीएम योगी ने ये भी निर्देश दिया कि खाली हुए विद्यालय भवनों में बाल वाटिकाएं, प्री-प्राइमरी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र स्थानांतरित किए जाएं ताकि शिशु शिक्षा का आधार मजबूत हो और परिसरों का बहुउद्देश्यीय उपयोग हो सके।

प्रियंका गांधी का तीखा हमला

वहीं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने योगी सरकार के इस फैसले पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा,“उत्तर प्रदेश सरकार विलय के नाम पर करीब 5,000 स्कूल बंद करने जा रही है। शिक्षक संगठनों के मुताबिक ये आंकड़ा 27,000 तक जा सकता है। ये साफ़ तौर पर गरीब बच्चों से शिक्षा का अधिकार छीनने जैसा है।”

प्रियंका ने सवाल उठाया कि अगर स्कूल घर से दूर हो जाएंगे तो छोटे बच्चे, खासकर लड़कियां, कैसे पढ़ने जाएंगी? उन्होंने कहा कि यह फैसला दलित, पिछड़े, आदिवासी, अल्पसंख्यक और गरीब तबके के बच्चों के खिलाफ है।

अखिलेश और मायावती भी विरोध में

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि इससे शिक्षा व्यवस्था कमजोर होगी और ग्रामीण इलाकों के बच्चों को स्कूल छोड़ना पड़ेगा।

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सरकार का पक्ष

बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, इस फैसले का उद्देश्य खाली भवनों और स्टाफ की कमी वाले स्कूलों को एक साथ मिलाकर बेहतर सुविधा और गुणवत्ता वाली शिक्षा देना है। सरकार ने कहा है कि इससे डबल शिफ्ट, बेहतर टीचिंग स्टाफ और मल्टीग्रेड लर्निंग मॉडल जैसे प्रयोगों को मजबूती मिलेगी।

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