Saturday - 6 January 2024 - 2:49 PM

गांधी जी के 3 बंदर, जापान और मोदी

न्यूज़ डेस्क।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-20 समिट में हिस्सा लेने के लिए शुक्रवार को जापान के ओसाका पहुंचे। वहां प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के पीएम शिंजो आबे से मुलाकात की। इस दौरान शिंजो आबे ने उन्हें जीत की बधाई दी। पीएम नरेंद्र मोदी ने ओसाका भारतीय समुदाय को संबोधित किया और उन्हें नए भारत के बारे में बताया।

पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा ‘ जापान की मेरी यात्राओं में मैंने यहां भारत के प्रति प्यार अनुभव किया है। यहां अपनी संस्कृति और इतिहास के प्रति गौरव देखने को मिला है। उन्होंने बताया कि, पूर्व पीएम अटल बिहार वाजपेयी समेत भारत के कई महापुरुषों ने भारत के साथ जापान के संबंध को मजबूत किया था।

इस

दौरान गांधी जी के तीन बंदरों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि गांधी जी की एक सीख बचपन से हम लोग सुनते आए हैं और वो सीख थी ‘बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहो’। भारत का बच्चा-बच्चा इसे भली- भांति जानता है, लेकिन बहुत कम लोगों को ये पता है कि जिन तीन बंदरों को इस संदेश के लिए बापू ने चुना उनका जन्मदाता 70वीं सदी का जापान है।

कहां से आये गांधी के तीन बंदर

बिहार के सीएम नीतीश कुमार के मुताबिक, उनके जापान दौरा में भारत के राजदूत चिन्वॉय ने बताया था कि महात्मा गांधी को तीन बंदरों वाला आइडिया जापान के महान भिक्षु फूजी गुरुजी ने दिया था।

जापान में बमबारी के बाद वे वैश्विक शांति को लेकर वे काफी चिंतित थे। इसी दौरान वे भारत भी आये। महात्मा गांधी को तीन बंदरों वाला आइडिया जापान के महान भिक्षु फूजी गुरुजी ने दिया था। जापान में बमबारी के बाद वे वैश्विक शांति को लेकर वे काफी चिंतित थे। इसी दौरान वे भारत भी आये। महात्मा गांधी से मुलाकात की। उनके आइडिया पर ही शांति स्थापना के लिए बापू ने बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो और बुरा मत बोलो को लोगों के बीच लाया।

बता दें कि जापान के निक्को स्थित तोगोशु की समाधि पर यही तीनों बंदर बने हुए हैं। जापान में इन्हें ‘बुद्धिमान बंदर’ माना जाता है और इन्हें यूनेस्को ने अपनी वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल किया है।

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कुछ लोग इन बंदरों का संबंध चीन से भी बताते हैं। ऐसा बताया जाता है कि गांधी जी से मिलने आए एक प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें इन बंदरों का सेट भेंट किया था। गांधी जी को यह उपहार इतना पसंद आया कि उन्होंने इसे हमेशा संभाल कर रखा। ये बंदर बुरा न देखो, बुरा न सुनो और बुरा न बोलो के सिद्धांत को दर्शाते हैं। इनके प्यारे-प्यारे नाम भी प्रचलित हैं।

जिस बंदर ने दोनों हाथों से आंखें बंद कर रखी हैं उसे मिजारू बंदर, जिसने दोनों हाथों से कान बंद कर रखे हैं उसे किकाजारू बंदर और जिसने दोनों हाथों स मुंह बंद कर रखा है उसे इवाजारू बंदर कहते हैं।

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