- शहरी सहकारी बैंकों में ऑडिट और संचालन व्यवस्था को मिलेगी मजबूती
नई दिल्ली. नेशनल अर्बन कोऑपरेटिव फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NUCFDC) और इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनल ऑडिटर्स इंडिया (IIA India) ने शहरी सहकारी बैंकिंग क्षेत्र को मजबूत करने के लिए रणनीतिक साझेदारी की है। दोनों संस्थानों ने इस साझेदारी को औपचारिक रूप से समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करके शुरू किया।
इस MoU के तहत UCBs (Urban Cooperative Banks) में जोखिम-आधारित आंतरिक ऑडिट, संचालन प्रक्रियाओं की गुणवत्ता सुधार और आंतरिक नियंत्रण प्रणाली को सुदृढ़ करने के लक्ष्य तय किए गए हैं। इस मौके पर NUCFDC के सीईओ प्रभात चतुर्वेदी और IIA इंडिया के सीईओ के. वी. मुकुंदन मौजूद रहे।
प्रमुख उद्देश्य
- UCBs में वैश्विक ऑडिट मानकों का समावेश
- आंतरिक ऑडिटरों और वरिष्ठ प्रबंधन की क्षमताओं का निर्माण
- ऑडिट, ESG और AI-आधारित प्रक्रियाओं से जुड़े संसाधनों तक पहुँच
- गवर्नेंस मॉडल को प्रोफेशनल और पारदर्शी बनाना
IIA इंडिया के सहयोग से उपलब्ध सुविधाएं
- इंटरनल ऑडिटर मैगजीन, टोन एट द टॉप ब्रीफिंग्स
- वैश्विक वेबिनार, विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल, वर्कशॉप
- जागरूकता कार्यक्रमों के ज़रिए ऑडिट की गुणवत्ता में सुधार
प्रभात चतुर्वेदी ने कहा, “हमारा उद्देश्य शहरी सहकारी बैंकों को पेशेवर और पारदर्शी बनाना है। यह साझेदारी हमारे सदस्य संगठनों को स्थायी संस्थागत विकास की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करेगी।”
वहीं, के. वी. मुकुंदन ने कहा, “हम आंतरिक ऑडिट के अंतरराष्ट्रीय मानकों को भारत के वित्तीय ढांचे के अंतिम पायदान तक ले जाना चाहते हैं, ताकि संस्थाएं भविष्य के लिए तैयार हो सकें।”
इस मौके पर NUCFDC के चीफ बिजनेस ऑफिसर सुमित हंस, IIA बॉम्बे चैप्टर के अध्यक्ष मनीष सोलंकी और IIA इंडिया के चीफ ग्रोथ ऑफिसर राजीव दिवादकर भी मौजूद थे।
यह साझेदारी ऐसे समय में हुई है जब संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित किया गया है, और भारत में सहकारी क्षेत्र को सुशासन आधारित विकास की ओर अग्रसर करने की कोशिशें तेज़ हो रही हैं।