Sunday - 7 January 2024 - 2:02 PM

जरूरी नहीं कि हरी साग-सब्जी सेहतमंद ही हो

न्यूज डेस्क

डॉक्टर अक्सर अपने यहां आने वाले मरीजों को कहते हैं कि खूब हरी सब्जियां खाएं। स्वस्थ रहना है तो साग-सब्जी से दोस्ती करें। लेकिन जब यहीं सब्जियां इंसान को बीमार करने लगे तब डॉक्टर क्या कहेंगे। जी हां, जरूरी नहीं कि हरी साग-सब्जी सेहतमंद ही हो। आजकल हरी सब्जियां सेहत बिगाडऩे का भी काम कर रही हैं।

एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में यमुना नदी किनारे पैदा होने वाली सब्जियां लोगों को सेहतमंद बनाने की जगह नुकसान पहुंचा रही हैं। नेशनल एन्वायरनमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीच्यूट (नीरी) के हवाले से कहा है कि इन सब्जियों में हानिकारक तत्व लेड (शीशा) सुरक्षित सीमा से कई गुना ज्यादा पाया गया है। इसकी वजह से लोगों को कैंसर सहित अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इससे शरीर के कई अंगों को नुकसान भी पहुंच सकता है।

नीरी की शोध रिपोर्ट के मुताबिक खुदरा विक्रेताओं से हासिल सभी सब्जियों में लेड की मात्रा सामान्य से कई गुना अधिक पाई गई है। आयरन के प्रमुख स्रोत पालक में यह हानिकारक तत्व सबसे अधिक (14.1 एमजी/किलोग्राम) पाया गया है। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसआई) ने सब्जियों में इसकी सुरक्षित सीमा 2.5 एमजी/किलोग्राम तय की है।

दिल्ली में यमुना किनारे उगाई जाने वालीं ये सब्जियां थोक मंडियों-आजादपुर, गाजीपुर और ओखला-से पूरे राज्य में पहुंचती हैं।

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बताया जाता है कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) द्वारा गठित एक समिति ने इस अध्ययन का काम नीरी को बीते फरवरी में सौंपा था। इसके बाद बीते मई में इस रिपोर्ट को प्राधिकरण के सामने रखा गया था। इससे पहले साल 2015 में एनजीटी ने हानिकारक तत्वों की मौजूदगी चलते यमुना किनारे अनाजों और सब्जियों की खेती पर रोक लगा दी थी, लेकिन, इसे अब तक नहीं रोका जा सका है।

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