जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली | संसद का मानसून सत्र आज सोमवार से शुरू हो गया है। सत्र के आगाज़ से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद परिसर में मीडिया से बातचीत की और इस सत्र को ‘गौरवपूर्ण और नवसृजन का प्रतीक’ बताया। वहीं, विपक्ष ने सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है और कई अहम मुद्दों पर प्रधानमंत्री से जवाब की मांग की है।
पीएम मोदी ने मानसून को बताया ‘नवसृजन का प्रतीक’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मानसून देश की अर्थव्यवस्था, खासकर कृषि और ग्रामीण जीवन के लिए अत्यंत लाभकारी होता है।उन्होंने कहा:“मानसून नवीनता और नवसृजन का प्रतीक है। अब तक की खबरें बता रही हैं कि इस बार देश में मौसम काफी अनुकूल है।
यह बारिश किसानों, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और पूरे देश के आर्थिक ढांचे के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
पिछले 10 वर्षों में पहली बार तीन गुना अधिक जल भंडारण हुआ है, जिससे आने वाले समय में देश को बड़ा लाभ मिलेगा।”
ऑपरेशन सिंदूर पर बोले पीएम
पीएम मोदी ने हाल ही में आतंकियों के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय सेना ने साहस और रणनीति के साथ आतंकियों को उनके घर में घुसकर खत्म किया।“सेना ने जो लक्ष्य तय किया था, उसे आतंकियों के घर में घुसकर पूरा किया और उन्हें जमींदोज कर दिया।”
विपक्ष का तीखा हमला, पीएम की उपस्थिति की मांग
मानसून सत्र की शुरुआत से पहले कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोलते हुए पीएम मोदी से सदन में उपस्थित रहने की मांग की है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:“कुछ ही देर में प्रधानमंत्री सजधज कर संसद भवन के बाहर मीडिया को अपना पुराना, घिसा-पिटा संदेश देंगे। हर बार की तरह वही खोखली बातें दोहराई जाएंगी।”
उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी संसद में शायद ही कभी दिखाई देते हैं और केवल राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के समय ही भाषण देते हैं। रमेश ने यह भी कहा कि जब पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर और राष्ट्रपति ट्रंप से जुड़ा विवाद संसद में उठेगा, तब पीएम को जवाब देने के लिए मौजूद रहना चाहिए।
विदेशी दौरों पर भी कांग्रेस का तंज
जयराम रमेश ने पीएम मोदी के प्रस्तावित ब्रिटेन और मालदीव दौरे को लेकर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा:“48 घंटे बाद यह सुपर प्रीमियम फ्रीक्वेंट फ्लायर प्रधानमंत्री एक और विदेशी दौरे पर निकल पड़ेंगे। मणिपुर की जनता के पास निराश होने की एक और वजह होगी।”
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संसद सत्र की रूपरेखा
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21 जुलाई से 21 अगस्त तक चलेगा मानसून सत्र
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कुल 21 बैठकें प्रस्तावित
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विपक्ष महंगाई, बेरोजगारी, मणिपुर हिंसा, ऑपरेशन सिंदूर, पहलगाम हमला और अंतरराष्ट्रीय मामलों पर सरकार को घेरेगा
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केंद्र सरकार की ओर से कुछ महत्वपूर्ण विधेयक भी पेश किए जा सकते हैं