जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ. बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को लखनऊ में पार्टी पदाधिकारियों के साथ एक अहम संगठनात्मक समीक्षा बैठक की। इस बैठक का फोकस दक्षिण और पश्चिम भारत के सात राज्यों — महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में पार्टी के जनाधार को मजबूत करना रहा।
बैठक में पार्टी के केंद्रीय समन्वयक राजाराम और वरिष्ठ नेता अतर सिंह राव सहित इन सभी राज्यों से आए वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हुए। मायावती ने बैठक में 2 मार्च को जारी दिशा-निर्देशों पर अब तक की प्रगति की समीक्षा की और संगठन की कमजोरियों को दूर करने के निर्देश दिए।
धार्मिक और भाषाई उन्माद पर जताई चिंता, मुंबई का किया उल्लेख
मायावती ने कहा कि देश के कई हिस्सों में धर्म, जाति और भाषा के नाम पर बढ़ रही असहिष्णुता चिंता का विषय है। उन्होंने महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे राज्यों में भाषाई टकराव और हिंसा का ज़िक्र करते हुए कहा कि इससे सामाजिक एकता और देशभक्ति की भावना पर असर पड़ता है। उन्होंने कहा,“मुंबई देश की आर्थिक राजधानी है, यहां सभी राज्यों के लोग रहते हैं। इसलिए वहां हर नागरिक की सुरक्षा की गारंटी सरकार को देनी चाहिए और केंद्र को भी इस पर ध्यान देना चाहिए।”
कर्नाटक में कांग्रेस सरकार को घेरा, कहा- गुटबाजी से बढ़ी अस्थिरता
कर्नाटक में कांग्रेस सरकार को निशाने पर लेते हुए मायावती ने कहा कि वहां भी पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की तरह अंदरूनी गुटबाज़ी और अस्थिरता का माहौल है, जिससे गरीब और दबे-कुचले वर्ग सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने बढ़ती दुर्घटनाओं, भ्रष्टाचार और अव्यवस्था पर भी चिंता जताई और सरकारों से जनहित के मुद्दों — महंगाई, बेरोजगारी, अशिक्षा, स्वास्थ्य — पर गंभीरता से ध्यान देने की अपील की।
‘घड़ियाली आंसू बहाने वालों से सावधान रहें’
तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल की सरकारों की आलोचना करते हुए मायावती ने कहा कि इन राज्यों में भी स्थिति बहुजन हितों के लिए अनुकूल नहीं है। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे पूरी ईमानदारी, निष्ठा और समर्पण के साथ पार्टी और अंबेडकरवादी मिशन को आगे बढ़ाएं।
मायावती ने कहा,“मुसीबत के समय मजलूम ही मजलूम का सच्चा सहारा होता है। वरना घड़ियाली आंसू बहाकर राजनीति चमकाने वालों की कोई कमी नहीं है।”