Sunday - 7 January 2024 - 8:47 AM

लॉकडाउन ने शराबियों का बिगाड़ा जायका

न्यूज़ डेस्क

नई दिल्ली। लॉकडाउन से पूरे प्रदेश में शराब की दुकानें बंद हैँ। जिससे शराब प्रेमियों की रात की नींद उड़ गई है। जिससे शराबियों को बिन शराब बिल्कुल भी चैन नहीं पड़ा है। मजबूरी में अब शराबियों ने ये बड़ा कदम उठाया है।

देश के कई जिलों में शराबियों की मुसीबतें भी बढ़ा दी है। हालात ये हैं कि शराब पीने की तलब ने चोरों को ठेकों में डाका डालने पर मजबूर कर दिया है। ठेके का शटर तोड़कर चोर शराब की काफी सारी बोतलें अपने साथ ले जाने को मजबूर है। कई जगहों से ऐसी भी खबर मिल रही जब पुलिस से बहाना बना कर लॉक डाउन का पालन नहीं कर रहे है।

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शराबी या किसी भी प्रकार के नशे के शिकार लोग इस लॉकडाउन के समय सबसे ज्यादा परेशान हो रहे हैं। लॉक डाउन के कारण वे अपने नशे की जरूरत आसानी से पूरी नहीं कर पा रहे हैं जिसके कारण उनके अंदर मानसिक और शारीरिक परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं।

कई नशे के शिकार लोगों को सुबह के समय फ्रेश होने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। मानसिक तनाव बढ़ जाने के कारण ये लोग कोई भी बात सामान्य तरह से न तो स्वीकार कर पाते हैं और न ही उसके मुताबिक़ सामान्य प्रतिक्रिया व्यक्त कर पाते हैं।

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इसका सीधा असर घरों के माहौल पर पड़ रहा है और इनके घरों में झगड़े बढ़ रहे हैं। मनोचिकित्सकों का कहना है कि अलग- अलग कारणों से घरों में कैद होने की स्थिति नशेड़ी लोगों को ज्यादा परेशानी हो सकती है, इसलिए इस समय उनसे ज्यादा सतर्क ढंग से व्यवहार किया जाना चाहिए। दूसरी तरफ अगर नशेड़ी अपने नशे की हालत से मुक्ति चाहते हैं तो यह उनके लिए सबसे बेहतर समय साबित हो सकता है।

क्यों बढ़ जाती है समस्या

वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉक्टर मनीष जैन ने बताया कि कुछ लोग अपनी किसी पारिवारिक, आर्थिक या सामाजिक समस्या का सही ढंग से सामना नहीं कर पाते हैं। इससे बचने के लिए वे किसी नशे की लत शुरू कर देते हैं। शुरुआती तौर पर उन्हें यह महसूस होता है कि उन्हें कुछ देर के लिए अपनी समस्या से मुक्ति मिल गई है।

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लेकिन जल्दी ही यह नशा उनकी आदत में ढल जाता है और उन्हें नशे से भी कोई राहत नहीं मिलती। ऐसे लोगों को जब किसी भी कारण से अपने घरों में ही कैद रह जाना पड़ता है तो उन्हें बहुत अधिक समस्या का सामना करना पड़ता है।

एक तरफ तो उनकी नशे की जरूरत पूरी नहीं होती, वहीं दूसरी तरफ जिस समस्या से बचने के लिए उन्होंने नशा शुरू किया था, वही उनके आसपास ज्यादा गंभीर स्थिति में उन्हें दिखाई पड़ता है। पारिवारिक या आर्थिक मामलों में यह कष्ट और अधिक बढ़ जाता है। ऐसे में उनकी मानसिक समस्या और भी अधिक बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में इस तरह के लोगों को ज्यादा सावधानी से व्यवहार किया जाना चाहिए।

ऐसे समय में क्या करें

वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉक्टर मनीष जैन कहते हैं कि लॉकडाउन जैसी स्थिति किसी भी नशे के शिकार आदमी को सबसे ज्यादा परेशान करती है। इस समय कोई नकारात्मक टिप्पणी उन्हें ज्यादा परेशान करती है, इसलिए किसी भी हालत में उन पर कोई नकारात्मक कमेंट करने से बचना चाहिए।

यही ऐसा समय होता है जब वे नशे की समस्या से छुटकारा भी पा सकते हैं। इसलिए कोशिश की जानी चाहिए कि इस समय का सदुपयोग लोग अपना नशा छोड़ने के लिए करें।

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क्या किया जा सकता है?

दरअसल शराब या ऐसा कोई भी नशा छोड़ने के लिए आने वाली दवाएं शेड्यूल एच कैटेगरी में आती हैं और बिना किसी प्रशिक्षित डॉक्टर की लिखित अनुमति के इन्हें प्राप्त नहीं किया जा सकता। इसलिए लोगों को चाहिए कि वे शराब छुड़ाने के लिए किसी अच्छे चिकित्सक से परामर्श करें और अपनी समस्या पर खुलकर चर्चा करें।

लॉकडाउन के समय किसी डॉक्टर के पास जाने में समस्या है, तो टेलिफोन से या टेलीमेडिसिन का भी सहारा ले सकते हैं। डॉक्टर की सही सलाह, दवाओं की सही खुराक और परिवार के लोगों के प्यार भरे सहयोग से नशे की समस्या को हमेशा के लिए खत्म किया जा सकता है।

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