जुबिली स्पेशल डेस्क
दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप सुबह 9:04 बजे आया और झटके लगभग 10 सेकेंड तक महसूस किए गए।
इस दौरान दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद, हिसार, रोहतक, सोनीपत जैसे क्षेत्रों में लोग घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए।
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भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र हरियाणा के झज्जर जिले में था और रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.4 मापी गई।
भारत में कहां आता है सबसे ज्यादा भूकंप?
भारत में सबसे ज्यादा भूकंप हिमालय और उसके आस-पास के इलाकों में आते हैं। भूगर्भ वैज्ञानिकों के अनुसार, लगभग चार करोड़ साल पहले भारतीय प्लेट की यूरेशियन प्लेट से टक्कर के कारण हिमालय का निर्माण हुआ था।
आज भी हिमालय हर साल लगभग 1 सेंटीमीटर ऊपर उठ रहा है, और इसी प्लेट टेक्टॉनिक गतिविधि की वजह से लगातार भूकंप आते रहते हैं।
भूकंप के लिहाज से संवेदनशील राज्य
- जम्मू-कश्मीर
- हिमाचल प्रदेश
- उत्तराखंड
- सिक्किम
- पूर्वोत्तर के राज्य (असम, मणिपुर, मिज़ोरम)
- गुजरात का कच्छ क्षेत्र
दिल्ली-NCR: भूकंपीय जोन IV में आता है
दिल्ली और एनसीआर का क्षेत्र भूकंपीय जोन IV में आता है, जो उच्च खतरे की श्रेणी में है। इसका मतलब है कि यहां पर तेज भूकंप की आशंका बनी रहती है।
दिल्ली में अक्सर कम तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस होते हैं, लेकिन विशेषज्ञ बार-बार चेतावनी देते हैं कि भविष्य में एक बड़ा भूकंप तबाही मचा सकता है।
दिल्ली के हाई रिस्क ज़ोन
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के निम्नलिखित क्षेत्र भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील (High Risk) माने जाते हैं:
- पूर्वी दिल्ली और यमुना बाढ़ क्षेत्र
- लुटियंस दिल्ली (संसद भवन क्षेत्र)
- दिल्ली विश्वविद्यालय परिसर
- जनकपुरी, रोहिणी, करोल बाग
- सरिता विहार, पश्चिम विहार, गीता कॉलोनी, शकरपुर
यह वे इलाके हैं जहां ढीली मिट्टी और नदी तलछट की वजह से झटकों का असर ज़्यादा हो सकता है।
सावधानी ज़रूरी: क्या करें भूकंप के दौरान?
- घर में हों तो मजबूत फर्नीचर के नीचे छिपें
- लिफ्ट का इस्तेमाल न करें
- खिड़कियों और भारी वस्तुओं से दूर रहें
- खुले मैदान में निकलने की कोशिश करें