Sunday - 7 January 2024 - 1:42 PM

जादवपुर यूनिवर्सिटी : क्या JNU की तरह बनेगी सियासी अखाड़ा

जुबिली न्यूज़ डेस्क 

पश्चिम बंगाल की जाधवपुर यूनिवर्सिटी इन दिनों सुर्ख़ियों में है। केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के साथ हुई हाथापाई की घटना के बाद बीजेपी ने इस यूनिवर्सिटी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जिस तरह से दिल्ली की जेएनयू यूनिवर्सिटी में लेफ्ट और राईट विंग की लड़ाई जारी है, उसी तर्ज पर वेस्ट बंगाल की इस यूनिवर्सिटी में भी सियासी अखाड़ा बनने की सम्भावना है।

बता दें कि सीपीएम के नेताओं ने बाबू बाबुल सुप्रियो पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बदले में बाबुल ने मानहानि का दावा करने की धमकी दी है।

सीपीएम के नेता मोहम्मद सलीम ने कहा है कि बाबुल सुप्रियो ने जाधवपुर यूनिवर्सिटी की लड़कियों के कपड़ों पर भद्दे और आपत्तिजनक कमेंट किए। इतना ही नहीं उन्होंने लड़कियों को अपने कमरे में आने के लिए कहा ताकि वे उनको बता सके कि वे कौन हैं। मोहम्मद सलीम ने यह भी आरोप लगाया कि बाबुल सुप्रियो ने विद्यार्थियों को सूअर का बच्चा कहा।

इन आरोपों के जवाब में बाबुल सुप्रियो ने मोहम्मद सलीम को एक घटिया, हारा हुआ लीडर करार दिया है। उन्होंने कहा कि वे ऐसे घटिया आरोपों का कोई जवाब नहीं देंगे। उनके वकील इस मामले को देखेंगे। वे मानहानि का मुकदमा करेंगे। उन्होंने मोहम्मद सलीम को अपने आरोप साबित करने की चुनौती भी दी है।

ये है मामला

बता दें कि केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो 19 सिंतबर को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से आयोजित एक समारोह में शामिल होने के लिए जादवपुर यूनिवर्सिटी पहुंचे थे। इस दौरान छात्रों ने घेराव किया और उन्हें काले झंडे दिखाए। सुप्रियो गेट पर ही रोक लिए गए।

किसी तरह से बाबुल अपने तय कार्यक्रम में पहुंचे। शाम पांच बजे परिसर से बाहर निकलते समय भी भाजपा नेता को विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा। धक्का मुक्की हुई और खींचतान भी हुई। इसमें बाबुल सुप्रियो की क़मीज़ फट गई। चश्मा टूट गया और घंटों उन्हें एक ही जगह खड़े रहना पड़ा। कई घंटों चले इस हुडदंग के बाद पश्चिम बंगाल के गवर्नर और यूनिवर्सिटी के चांसलर जगदीप धनखड़ ख़ुद यूनिवर्सिटी पहुंचे और बाबुल सुप्रियो को साथ लेकर बाहर आए।

विश्वविद्यालय को राष्ट्रविरोधी तत्वों तथा वामपंथियों का बताया जा रहा अड्डा

पश्चिम बंगाल में भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि यादवपुर विश्वविद्यालय परिसर राष्ट्रविरोधी तत्वों तथा वामपंथियों का अड्डा बन गया है और ‘हमारे कैडर’ को चाहिए कि उसे नष्ट करने के लिए वहां बालाकोट की तर्ज पर सर्जिकल स्ट्राइक करें।

घोष ने आरोप लगाया कि राज्य में तृणमूल सरकार केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो की हत्या होने तक हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती और कहा कि वह इस घटना के बारे में केंद्रीय मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर बताएंगे।

घोष ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”यादवपुर विश्वविद्यालय राष्ट्रविरोधी और वामपंथी गतिविधियों का अड्डा है। वहां पहली बार ऐसी घटना नहीं हुई है। जिस तरह हमारे सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों को नष्ट करने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक की, यादवपुर परिसर में राष्ट्रविरोधी अड्डों को नष्ट करने के लिए हमारे कार्यकर्ताओं को उसी तरह की सर्जिकल स्ट्राइक करनी चाहिए।”

टीएमसी पार्टी ने राज्यपाल पर निशाना साधा

इस बीच पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी टीएमसी पार्टी ने वहां के राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर करारा हमला बोला है। टीएमसी के मुताबिक जगदीप धनखड़ बिना राज्य सरकार को सूचित किए मौके पर पहुंच गए जबकि राज्यपाल का कहना है कि उन्होंने पहले सभी विकल्पों की कोशिश कर ली थी।

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