Saturday - 6 January 2024 - 12:57 PM

चन्द्रयान- 2 की ‘मिशन डायरेक्टर’ है लखनऊ की बेटी

न्यूज़ डेस्क

अंतरिक्ष से लेकर चंद्रयान तक के मिशन में लड़कियों ने पहुँच कर ये साबित कर दिया है कि महिलाएं किसी से कम नहीं है। कल सुबह चंद्रयान-2 चाँद की और रवाना होगा। इस उपलब्धि के पूरा देश जश्न मनाने के लिए तैयार है। लेकिन लखनऊ वासी के लिए ये खुशी कुछ खास है और वो इसको मनाने के लिए बहुत ही उत्सुक है। इसके पीछे एक वजह है लखनऊ की एक बेटी।

इसरो की सीनियर साइंटिस्ट रितु करिधाल श्रीवास्तव चंद्रयान-2 की मिशन डायरेक्टर हैं। रितु की पहचान वैसे तो एक रॉकेट वीमेन के रूप में है। लखनऊ वालों द्वारा दी गई शुभकामनाओं पर रितु ने उनका शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि मिशन के बारे में 15 के बाद बात करेंगे, फिलहाल हमारा फोकस सफल लॉन्चिंग पर है।

विज्ञान उनके लिए एक जूनून

सीनियर साइंटिस्ट रितु श्रीवास्तव ने बताया कि तारों ने मुझे हमेशा अपनी ओर खींचा, मैं सोचती कि अंतरिक्ष के अंधेरे के उस पार क्या है। विज्ञान उनके लिए एक जूनून है। इससे पहले भी इसरो के लिए उन्होंने कई अहम प्रोजेक्ट किए है लेकिन इस प्रोजेक्ट को वो सबसे बड़ी चुनौती मानती हैं।

इस मिशन को पूरा विश्व और देश की 103 करोड़ की आबादी हमारी ओर देख रही थी। हमारे पास कोई अनुभव नहीं था, लेकिन सैकड़ों वैज्ञानिकों की टीम ने मिलकर हमने वह भी कर दी।

सफलता की प्रार्थना

राजधानी लखनऊ के राजाजीपुरम की रहने रितु के माता-पिता का निधन हो चुका है। भाई रोहित कहते हैं कि हमें नाज है अपनी बहन पर। ज्यादा कुछ कहने से अच्छा है कि हम देश के इस मिशन की सफलता के लिए प्रार्थना करें।

लखनऊ विश्वविद्यालय से किया स्नातक

रितु ने लखनऊ विश्वविद्यालय से फिजिक्स में ग्रेजुएशन किया। उसके बाद गेट पास करने के बाद मास्टर्स डिग्री के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंसेज जॉइन किया। यहां से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में डिग्री ली।

मंगलयान में डिप्टी ऑपरेशन डायरेक्टर रहीं

इंजीनियरिंग करने के बाद वो 1997 से इसरो से जुड़ी और मंगलयान में डिप्टी ऑपरेशन डायरेक्टर रहीं। अब चंद्रयान-2 में मिशन डायरेक्टर। उन्होंने माम के दो मायने बताये है पहला दो बच्चों की मां और दूसरा मार्स आरबिटरी मिशन।

यूं ही नहीं लखनऊ को आक्सफोर्ड ऑफ ईस्ट

यह मिशन देश के लिए अद्भुत पल है इस मिशन के बाद हम विश्व के उन गिने-चुने देशों में शामिल होंगे, जो चांद में यान भेज पाए है। दूसरी बात कि लखनऊ को यूं ही आक्सफोर्ड ऑफ ईस्ट नहीं कहा जाता, चाहे धरोहरों की बात हो या फिर सांस्कृतिक विरासत की हम सबसे समृद्ध हैं। लखनऊ की एक वैज्ञानिक इस मिशन को लीड कर रही यह इसका प्रमाण है।

डा. आलोक धवन, डायरेक्टर, आईआईटीआर

डॉ. एचएन बहल, डॉ. मजूमदार और डॉ. बीरबल साहनी जैसे साइंटिस्ट लविवि की देन हैं। इस कड़ी में एक और नाम जुड़ गया डॉ. रितु का। उन्होंने एक बड़े गैप को भरा है। हमारी शुभकामनाएं मिशन के लिए।

डा. अनिल रस्तोगी, सेवानिवृत्त वैज्ञानिक, सीडीआरआई

हर महिला को रितु करिधाल के कारण गर्व करने का मौका मिला है। मिशन की सफलता हमारी सफलता है। मेरे लिए तो खासकर, क्योंकि वे मेरी नाम राशि भी हैं।
रितु त्रिवेदी, प्रिंसिपल साइंटिस्ट, सीडीआरआई

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