जुबिली स्पेशल डेस्क
मध्य-पूर्व में युद्ध के कई मोर्चे खुल चुके हैं और लगभग हर जगह इजरायल की सैन्य संलिप्तता नज़र आ रही है। अब ताज़ा घटनाक्रम में, इजरायल ने सीरिया की राजधानी दमिश्क में सीरियाई रक्षा मंत्रालय के मुख्य प्रवेश द्वार पर ड्रोन हमला किया है। इजरायली सेना (IDF) का कहना है कि ये हमला ड्रूज समुदाय को सरकारी बलों की कार्रवाई से बचाने के लिए किया गया है।
क्या हुआ दमिश्क में?
सीरियाई रक्षा मंत्रालय के सुरक्षा सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि कम से कम दो ड्रोन Ministry की इमारत पर गिरे, जिससे अफसरों को बेसमेंट में छिपना पड़ा। सरकारी चैनल ‘इख़बारिया टीवी’ ने दो नागरिकों के घायल होने की पुष्टि की है।
इजरायल की सफाई: क्यों किए हमले?
IDF ने बयान में कहा, “हमने दमिश्क स्थित सैन्य मुख्यालय के गेट को निशाना बनाया है और दक्षिणी सीरिया में ड्रूज नागरिकों पर हो रहे हमलों की निगरानी कर रहे हैं।” सोमवार से इजरायल लगातार सीरियाई बलों को निशाना बना रहा है, खासकर स्वैदा शहर में।

संघर्ष की शुरुआत कैसे हुई?
यह झड़प सोमवार को तब शुरू हुई जब ड्रूज लड़ाकों और एक बेदोइन सशस्त्र समूह के बीच हिंसा को रोकने के नाम पर सरकारी सेना स्वैदा में दाखिल हुई। लेकिन ड्रूज और सरकारी बलों में सीधी लड़ाई शुरू हो गई। संघर्षविराम की कई कोशिशें नाकाम रहीं और बुधवार सुबह भारी मोर्टार और तोप से गोलाबारी की गई।
ड्रूज कौन हैं?
ड्रूज एक अल्पसंख्यक धार्मिक समुदाय है जिसकी उत्पत्ति 11वीं सदी में मिस्र में हुई थी। वे इस्लाम, यहूदी या ईसाई धर्म को नहीं मानते, बल्कि एक अलग, समन्वित धार्मिक दर्शन पर विश्वास करते हैं। सीरिया में लगभग 7 लाख ड्रूज रहते हैं, और सबसे बड़ी आबादी स्वैदा प्रांत में है।
गोलान हाइट्स और इजरायली नागरिकता
इजरायल के कब्ज़े वाले गोलान हाइट्स में करीब 29,000 ड्रूज रहते हैं, जिन्होंने इजरायल की नागरिकता ठुकरा दी है और खुद को सीरियाई मानते हैं। हालांकि, इजरायल में करीब 1.5 लाख ड्रूज नागरिक हैं, जो सेना में भी सेवारत हैं।