जुबिली स्पेशल डेस्क
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा तय की गई 30 अगस्त की डेडलाइन से ठीक पहले ईरान ने अपनी सबसे एडवांस मिसाइल ‘खोर्रमशहर-5’ का परीक्षण कर विश्व भर की निगाहें एक बार फिर खाड़ी संकट की ओर मोड़ दी हैं।
ईरानी मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, यह मिसाइल 12,000 किलोमीटर की रेंज तय कर सकती है और इसे राजधानी तेहरान से दागा जाए तो महज़ 36 मिनट में अमेरिका तक पहुंच सकती है।
मिसाइल की क्षमताएं और विशेषताएं
‘खोर्रमशहर-5’ को ईरान की अब तक की सबसे घातक मिसाइल बताया जा रहा है। इसकी स्पीड 16 MACH तक है और यह 2 टन वॉरहेड ले जाने में सक्षम है।
रिपोर्टों के अनुसार, यह वॉरहेड अमेरिका के ‘बंकर बस्टर बम’ के बराबर असरदार माना जा रहा है। खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक, इस मिसाइल का परीक्षण बेहद गोपनीय ढंग से किया गया, जबकि इससे पहले ‘खोर्रमशहर’ सीरीज़ की चार मिसाइलों के परीक्षण की सार्वजनिक घोषणा की गई थी।
तेहरान से लॉन्च, अमेरिका तक पहुंच
तेहरान से अमेरिका की दूरी लगभग 11,000 किलोमीटर है, और खोर्रमशहर-5 इसी फासले को कवर करने में सक्षम है। मेहर न्यूज एजेंसी ने बताया कि मिसाइल को अमेरिका तक पहुंचने में मात्र 36 मिनट लगेंगे। विशेषज्ञों के अनुसार, यह मिसाइल इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) की श्रेणी में आती है।
परमाणु विवाद पर अमेरिका-ईरान आमने-सामने
ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव की जड़ यूरेनियम संवर्धन का मुद्दा है। अमेरिका चाहता है कि ईरान इसे पूरी तरह से समाप्त करे, जबकि ईरान का कहना है कि वह हथियार नहीं बनाएगा, लेकिन संवर्धन पूरी तरह बंद नहीं करेगा। फिलहाल ईरान के पास लगभग 400 किलोग्राम यूरेनियम मौजूद है।
जून में हुई थी 12 दिन की भीषण झड़प
इससे पहले जून 2025 में, ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर अमेरिका और सहयोगी देशों ने हमला किया था। इस हमले में ईरान के दर्जनों वैज्ञानिक और सैन्य अधिकारी मारे गए थे। इस झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच हालात बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैं।
30 अगस्त की डेडलाइन और आगे क्या?
डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अगर 30 अगस्त तक ईरान यूरेनियम संवर्धन को लेकर स्पष्ट रुख नहीं अपनाता, तो अमेरिका अपने स्तर पर कड़े कदम उठाएगा। यह बयान खाड़ी क्षेत्र में एक नई भू-राजनीतिक उठापटक की संभावना को बल देता है।