Sunday - 7 January 2024 - 5:47 AM

भारत, कोरोना वैक्सीन और नया स्ट्रेन

डॉ. प्रशांत राय

कोरोना वायरस की कुछ वैक्सीन आ जाने के बाद से पूरी दुनिया ने राहत की सांस ली है, लेकिन कोरोना वायरस के नये स्ट्रेन ने चिंता भी बढ़ा दी है। यूरोप के कई देशों समेत अमेरिका में कोरोना का टीकाकरण शुरु हो चुका है। यह निश्चित ही राहत देने वाली खबरें हैं।

भारत के लोग भी कोरोना के टीके का इंतजार बेसब्री से कर रहे हैं। ऐसी उम्मीद है कि भारत में भी जल्द ही कोरोना का टीकाकरण अभियान शुरु हो जायेगा। इसके लिए सरकार पूरी तैयारी में जुटी है।

आज यानी शनिवार से भारत के कुछ राज्यों में कोरोना की नई वैक्सीन को लेकर ड्राई रन (जिसमें कुछ स्वास्थ्य कर्मियों को टीकाकरण किया जाना है) शुरू है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोविड-19 टीकाकरण की शुरुआत की तैयारियां को तेज करने के निर्देश दिए। इससे अब उम्मीदें बंध रही हैं कि ये वैक्सीन महामारी का अंत करने में मददगार साबित होंगी।

अब तक पंजाब, असम, गुजरात और आंध्र प्रदेश में ऐसा ड्राई रन किया गया था। इन चारों राज्यों में ड्राई रन को लेकर अच्छे परिणाम सामने आए थे जिसे ध्यान में रखते हुए अब सरकार पूरे देश में ड्राई रन शुरू करने जा रहा है।

दरअसल भारत के पास महामारी से निपटने का अच्छा अनुभव है। भारत कई महामारी से निपट चुका है। इसके अलावा टीकाकरण का भी अनुभव भारत के पास हैैं। इसका फायदा निश्चित ही कोरोना के टीकाकरण में मिलेगा।

यह तो हो गया टीकाकरण की बात। अब वैक्सीन की बात करते हैं। वैक्सीन के बारे में अभी शुरुआती डाटा ही उपलब्ध है और कई अहम सवालों के जवाब मिलने बाकी है। दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता भारतीय कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट और भारत बायोटेक कंपनी ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के वैज्ञानिकों संग मिलकर  Covaxin कोवैक्सीन नाम से टीका बनाया है। कुछ दिन पहले ही दवा कंपनी फाइजर ने अपनी वैक्सीन के 90 प्रतिशत लोगों पर कामयाब होने की जानकारी दी थी।

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इसके अलावा अमरीकी कंपनी मॉडर्ना के वैक्सीन ट्रायल के डाटा के शुरुआती नतीजे बताते हैं कि कोविड महामारी के खिलाफ सुरक्षा देने वाली नई वैक्सीन 95 फीसदी तक कामयाब है। हालांकि उससे पहले सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या लोग वैक्सीन लगवाना चाहेंगे? इसको लेकर कई देशों में सर्वे (सर्वेक्षण) हो रहे हैं।

भारत में भी ऐसा ही एक सर्वे किया गया है, जिसमें यह पाया गया है कि भारतीय कोरोना की वैक्सीन लगवाने से कतरा रहे हैं। इसकी वजह में बताया गया कि सितंबर के बाद संक्रमण के मामले तेजी से कम हुए हैं और दूसरा वैक्सीन का साइड इफेक्ट।

वैक्सीन के साइड इफेक्ट को लेकर लंबे समय से सवाल उठ रहा है। अब तक जितनी भी वैक्सीन आई है उसमें फाइजर ही है जो 95 फीसदी सुरक्षित है। इसलिए इस चिंता से लोगों को आगे बढऩा होगा। 100 प्रतिशत सुरक्षित वैक्सीन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा इसमें काफी वक्त लग जायेगा।

कोरोना वायरस वैसे ही पूरी दुनिया को अब तक काफी नुकसान पहुंचा चुकी है। अब नुकसान बर्दाश्त करने की हिम्मत किसी देश के पास नहीं बची है।

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भारत को भी कोरोना महामारी की वजह से काफी नुकसान हुआ है। लाखों लोगों की नौकरियां चली गई। लोगों के कामकाज ठप हो गए। तालाबंदी खुलने के बाद से भी अब तक अर्थव्यवस्था पटरी पर नहीं आ पाई है। इसलिए भारत जैसी बड़ी आबादी वाले देश के लिए टीकाकरण बहुत जरूरी है, ताकि जल्द से जल्द कोरोना से मुक्ति मिले और जन-जीवन सामान्य हो सके।

अब कोरोना के नये स्ट्रेन के बारे में जानते हैं। कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन (बदले हुए रूप) ने पूरे विश्व को फिर से खौफजदा कर दिया है। हालांकि डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि कोरोना का नया स्ट्रेन बेकाबू नहीं है, बावजूद दुनिया में अफरा-तफरी का माहौल है। कई देशों ने अपनी सीमाओं को सील कर दिया है। अंतरराष्टï्रीय विमान सेवाएं बंद हो गई हैं।

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भारत ने भी कोरोना वायरस के इस नए खतरे ने निपटने के लिए रणनीति तैयार कर ली है। यहां भी ब्रिटेन की हवाई सेवा बंद है। सरकार एलर्ट है लेकिन इस बीच बायोटेक ने अच्छी खबर दी है और दावा किया है कि वह कोरोना वायरस म्यूटेशन को खत्म करने वाली वैक्सीन छह हफ्ते में बना सकते हैं। यह बहुत ही अच्छी खबर है इसलिए लोगों को घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है और न ही इससे जुड़ी अफवाहों पर ध्यान देने की जरूरत है।

(डॉ. प्रशांत राय, सीनियर रिचर्सर हैं। वह देश-विदेश के कई जर्नल में नियमित लिखते हैं।) 

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