Sunday - 7 January 2024 - 1:43 PM

इमरान की 15 अरब की बेड़ी को कैसे तोड़ेंगे नवाज

न्यूज डेस्क

पाकिस्तान की राजनीति गरमा हो गई है। इस बार वजह कश्मीर नहीं बल्कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ है। दरअसल नवाज शरीफ ने 15 अरब से ज्यादा का श्योरिटी बॉण्ड देकर इलाज के लिए विदेश जाने से इनकार कर दिया है। नवाज के इस इनकार के बाद पाकिस्तान के सियासी हलकों में इस बात की चर्चा हो रही है कि इससे नवाज की मंशा सामने आ गई है।

मालूम हो कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की तबियत खराब चल रही है। उनकी खराब हालत के चलते उन्हें कई बार डॉक्टरों ने विदेश जाकर इलाज कराने की सलाह दी थी। काफी ना-नुकर के बाद आखिरकार नवाज और उनके परिवार ने डॉक्टरों की सलाह मानने की इजाजत दे दी थी। नवाज शरीफ ने इलाज के लिए लंदन को चुना था। उनकी रजामंदी के बाद माना जा रहा था कि उनका नाम एग्जिट कंट्रोल लिस्ट से बाहर कर दिया जाएगा।

कैबिनेट की सब-कमेटी में इस पर रजामंदी भी बनी, लेकिन इस पर अंतिम फैसला कैबिनेट को ही लेना है। सब-कमेटी के चेयरमैन ने साफ कर दिया है कि वह केवल अपनी संस्तुति कैबिनेट को भेज सकते हैं। वह इस पर फैसला नहीं ले सकते हैं। लिहाजा अंतिम फैसला कैबिनेट या पीएम इमरान खान को ही लेना है।

हालांकि इस पर फैसला लेने से पहले ही प्रधानमंत्री इमरान खान ने अंतिम समय में नवाज शरीफ को सशर्त विदेश जाने की इजाजत देने की मांग रख दी। इसके तहत नवाज को विदेश जाकर इलाज कराने से पहले 15,26,01,97,596.00 अरब रुपये (15 अरब से अधिक) श्योरिटी बॉण्ड भरना होगा, लेकिन अब इस पर नवाज के इनकार कर दिया है।

 

बताते चले कि जिस रकम का बॉण्ड नवाज को भरने को कहा गया है वह रकम भ्रष्टाचार के मामले में अकाउंटिबिलिटी कोर्ट द्वारा दो मामलों में लगाए गए जुर्माने की रकम के बराबर है। यह मामले अल-अजीजिया और अवानफील्ड प्रॉपर्टी का है। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को दोषी करार दिया गया है।

इमरान सरकार की तरफ से यह भी साफ कर दिया गया है कि विदेश जाने से पहले नवाज को क्षतिपूर्ति बॉण्ड भरने को कहा गया है। यदि वह जाना चाहते हैं तो ऐसा उन्हें करना ही होगा।

दरअसल, पीएम इमरान खान को अंदेशा है कि यदि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को इलाज के लिए विदेश चले गए तो उनकी वापसी बेहद मुश्किल होगी। यह ठीक ऐसा ही होगा जैसे पूर्व जनरल परवेज मुशर्रफ कई मामलों में लिप्त होने और कोर्ट के आदेश के बाद भी देश वापस नहीं आ रहे हैं। इमरान को इस बात की आशंका काफी समय से बनी हुई है। वहीं, इमरान यह भी साफ कर चुके हैं कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी नेता को वह छोडऩे वाले नहीं हैं।

वहीं पाकिस्तान में राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इमरान की भ्रष्टाचार पर लगाम केवल नवाज तक ही सीमित दिखाई दे रही है। वहीं, दूसरी तरफ नवाज का परिवार इमरान सरकार की इस मांग को गैरकानूनी बता रहा है। नवाज का परिवार अब इस बात पर भी गौर कर रहा है कि एग्जिट कंट्रोल लिस्ट से पूर्व पीएम नवाज शरीफ का नाम हटाने के लिए उन्हें कोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए। इसको लेकर वह कानूनी सलाह भी ले रहे हैं।

वहीं नवाज के परिवार ने धमकी दी है कि सरकार पूर्व पीएम को इलाज के लिए बाहर भेजने की इजाजत नहीं दे रही है। ऐसे में यदि कोई अनहोनी होती है तो इसकी जिम्मेदार सरकार होगी। उनकी तरफ से यहां तक कहा गया है कि जिस बॉण्ड का जिक्र भरने की कहा जा रहा है उसकी कोई जरूरत नहीं है। शाहबाज शरीफ ने किसी भी तरह का बॉण्ड भरने से साफ इनकार कर दिया है।

वहीं इमरान खान के स्पेशल असिस्टेंट ने नवाज के परिवार पर तंज कसते हुए कहा है कि उनकी गारंटी कोई नहीं लेना चाहता है, सबसे बड़ी समस्या यही है। वहीं, नेशनल अकाउंटिबिलिटी ब्यूरो का कहना है कि पूर्व में भी सरकार ने बिना उनकी राय जाने कई लोगों का नाम इस लिस्ट से बाहर कर दिया था, जो कानूनी समस्या बन गए हैं।

बता दें कि नवाज शरीफ के नाम पर पाकिस्तान में कोई प्रॉपर्टी नहीं है। वहीं, उनकी बेटी मरियम और उनके भाई शाहबाज शरीफ के नाम अरबों की संपत्ति है। यही वजह है कि सरकार ने नवाज के एवज में इन दोनों को बॉण्ड भरने को कहा है।

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