Friday - 19 January 2024 - 12:49 PM

बैंकों से पैसे निकालने में टूटा 16 महीनों का रिकॉर्ड

न्यूज डेस्क

कोरोना से निपटने के लिए कई देशों में लॉकडाउन का उपाय किया गया है। भारत में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को 21 दिनों का लॉकडाउन लगाया था। ये 21 दिन का जल्द खत्म होने वाले हैं और अब लॉकडाउन की मियाद बढ़ाने पर चर्चा चल रही है। उम्मीद है भारत सरकार जल्द ही इस बारे में कोई फैसला कर लेगी। भारत के कुछ राज्यों ने पहले ही इसे अप्रैल के अंत तक बढ़ाने की घोषणा कर चुकी हैं और इसका कारण हैं कोरोना वायरस के बढ़ते मामले।

कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने जानकारी दी है कि मार्च महीने में लोगों ने बैंकों से 27 दिन में 84,461 करोड़ रुपये निकाले हैं। फरवरी की तुलना में यह रकम दोगुनी है।

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आरबीआई के मुताबिक 29 फरवरी से 13 मार्च तक 53,000 करोड़ रुपये बैंकों से निकाले गए। 16 महीनों में पहली बार ऐसा हुआ है कि 14 दिन की अवधि में इतने सारे पैसे निकाले गए। दरअसल पैसा निकालने की वजह तालाबंदी बताया गया है। जानकारों के मुताबिक लॉकडाउन को लेकर डर और चिंता में लोगों ने बैंकों से पैसे निकालकर घर पर रख लिए।

आरबीआई ने कहा कि मार्च के दूसरे पखवाड़े यानी 14 दिनों में भी बड़ी रकम निकाली गई। इसके तहत 14 से 27 मार्च के दौरान 31,575 करोड़ रुपये निकाले गए। इस पखवाड़े के 4 दिन यानी 22, 25, 26 और 27 मार्च तो लॉकडाउन में थे, नहीं तो रकम बढ़ सकती थी।

वहीं फरवरी माह के पहले 14 दिनों में लोगों ने बैंकों से 38,497 करोड़ रुपये निकाले थे, लेकिन अगले 14 दिनों यानी 15 से 28 फरवरी के बीच पैसे निकालने में गिरावट आई थी।

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इससे पहले नोटबंदी के बाद बैंकों से पैसे निकालने में बड़ा उछाल दर्ज किया गया था। सरकार ने 30 दिसंबर 2016 तक 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट जमा कराने कहा था। इस डेडलाइन के बाद जनवरी 2017 के पहले 14 दिनों में देश में 87,621 करोड़ रुपये निकाले गए थे।

ऑनलाइन पेमेंट में आई कमी

आरबीआई ने लोगों से कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते डिजिटल बैंकिंग और डिजिटल पेमेंट करने के लिए कहा था, लेकिन लॉकडाउन के चलते देश मे ऑनलाइन शॉपिंग और होम डिलिवरी का काम भी थम सा गया है। इस वजह से डिजिटल पेमेंट में भी गिरावट देखने को मिली है।

नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया यानी हृक्कष्टढ्ढ ने इस बारे में जानकारी दी है। उसने बताया कि फरवरी की तुलना में मार्च में यूपीआई पेमेंट में कमी आई है। यूपीआई पेमेंट फोनपे, गूगलपे, पेटीएम जैसे ऐप्स से किया जाता है।

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