Friday - 18 July 2025 - 4:37 PM

UP : डिजिटल अरेस्ट के पहले केस में 7 साल की सजा

जुबिली स्पेशल डेस्क

लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में साइबर क्राइम के एक बेहद अहम मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया है।

खुद को CBI अधिकारी बताकर केजीएमयू की वरिष्ठ डॉक्टर सौम्या गुप्ता से 85 लाख रुपये ठगने वाले आरोपी देवाशीष को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए 7 साल की सजा और जुर्माने से दंडित किया है। यह मामला देश में “डिजिटल अरेस्ट” के तहत पहली बार सजा सुनाए जाने वाला केस बन गया है।

यह ऐतिहासिक फैसला स्पेशल CJM (कस्टम) अमित कुमार ने सुनाया। साइबर थाने की विवेचना और इंस्पेक्टर ब्रजेश यादव की मजबूत पैरवी के चलते महज 14 महीनों के भीतर कोर्ट ने यह सजा सुनाई।

क्या है पूरा मामला?

15 अप्रैल 2024 को आरोपी देवाशीष ने केजीएमयू की डॉक्टर सौम्या गुप्ता को फोन कर खुद को कस्टम अधिकारी बताया और दावा किया कि दिल्ली एयरपोर्ट पर उनके नाम से कार्गो में फर्जी पासपोर्ट, एटीएम और मादक पदार्थ बरामद हुए हैं। इसके बाद कॉल एक फर्जी CBI अधिकारी से जोड़ दी गई, जिसने डॉक्टर को सात साल की सजा की धमकी दी।

डर के चलते डॉक्टर ने बैंक डिटेल, पैन नंबर और संपत्ति से जुड़ी निजी जानकारी साझा कर दी। आरोपियों ने उन्हें 10 दिनों तक मानसिक रूप से डिजिटल अरेस्ट में रखा और 85 लाख रुपये चार अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवा लिए।

जांच और सजा

जांच के दौरान आरोपी की पहचान आजमगढ़ के अजमतगढ़ क्षेत्र के मसौना गांव निवासी देवाशीष के रूप में हुई। सटीक साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने उसे दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com