- पहले दिन की कथा में उमड़ा जनसैलाब, गंगा की महिमा से किया गया जल संरक्षण का आह्वान
तालबेहट (ललितपुर). विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर तालबेहट की ऐतिहासिक धरती पर “जल कथा” का शुभारंभ आध्यात्मिक ऊर्जा, सांस्कृतिक समर्पण और जनचेतना के अनूठे संगम के साथ हुआ। हजारिया महादेव मंदिर परिसर में आयोजित इस आयोजन का पहला दिन गंगा उद्भव की पौराणिक कथा और उसके जल संरक्षण से जुड़ाव को समर्पित रहा।
सुबह जल सहेलियों द्वारा मानसरोवर झील में श्रमदान किया गया, जिसमें सैकड़ों नगरवासियों और युवाओं ने भाग लेकर स्वच्छता व जल संरक्षण का संकल्प लिया इसके साथ तालाब में साफ़-सफाई का कार्य किया गया । इसके पश्चात मंदिर परिसर में 11 पीपल के पौधे रोपित किए गए |
मुख्य कथा सत्र में “गंगा उद्भव” की कथा प्रस्तुत की गई, जिसमें गंगा की उत्पत्ति, पृथ्वी पर उनका अवतरण और भगीरथ की तपस्या जैसे प्रसंगों के माध्यम से जल के आध्यात्मिक, सामाजिक और पर्यावरणीय महत्व को प्रभावशाली ढंग से रेखांकित किया गया।
इस अवसर पर गुजरात के ख्याति प्राप्त कथावाचक महेंद्र बापू, प्रसिद्ध संगीतकार साध्वी संतोष गिरि और यज्ञाचार्य अक्षय दुबे जी ने अपने दिव्य वचनों और संगीतमय प्रस्तुति से कथा को भावमय बना दिया।
उत्तर प्रदेश गौसेवा आयोग, श्याम बिहारी गुप्ता, ललितपुर के जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी एवं मुख्य विकास अधिकारी ललितपुर कमलाकांत पाण्डेय ने प्रमुख रूप से कथा स्थल पर पहुँचकर इस जनआंदोलन को समर्थन प्रदान किया और जल संरक्षण की दिशा में इसे एक अनुकरणीय पहल बताया।
इस अवसर पर जल सहेली फाउंडेशन की ओर से आयोजित इस सप्ताहिक आयोजन में हजारों की संख्या में महिलाएं, जल सहेलियाँ, ग्रामीणजन, सामाजिक कार्यकर्ता और युवा उपस्थित रहे।