Friday - 5 January 2024 - 2:35 PM

अगले दौर में बात नहीं बनी तो किसान संगठनों करेंगे ये

जुबिली न्यूज़ डेस्क 

नए साल आ गया लेकिन किसानों की समस्याओं में कोई कमी होती नहीं नजर आ रही हैं। कृषि कानून को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों को आज 38 दिन हो रहे हैं। इन 38 दिनों में किसान संगठन के नेताओं और सरकार के बीच बातचीत के कई दौर हुए लेकिन सभी दौर बेनतीजा निकले। दोनों के बीच एक बार फिर 4 जनवरी को बैठक होगी।

4 जनवरी को होने वाली बैठक से पहले किसानों ने कहा है कि अगर इस बैठक में भी कोई ठोस नतीजा नहीं निकलता है तो फिर वो फिर अपने विरोध प्रदर्शन को और तेज़ करेंगे। किसान संगठनों का कहना है कि वो हरियाणा में पेट्रोल पंप और मॉल्स को बंद करवा देंगे।

बता दें कि किसान आन्दोलन की वजह से अब तक दिल्ली व एनसीआर राज्यों को अब तक 27 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है। इस व्यापारिक नुकसान का आकलन कैट(व्यापारिक संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ) ने जारी किया है।

बता दें कि सरकार और किसानों के बीच छह दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक तक इस बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला है। पांचवे दौर में दोनों के बीच बिजली की कीमतें और पराली जलाने पर जुर्माने को लेकर बातचीत हुई।

बताया जा रहा है कि दोनों पक्षों में इस मुद्दे को लेकर कुछ सहमति बनी है। लेकिन तीन नए कृषि कानून को वापस लेने और एमएसपी को कानूनी दर्जा देने के लिए अब तक बात नहीं बनी है।

इस मामले में कृषक संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि सरकार के साथ अब तक हुई बैठकों में किसानों की तरफ से उठाए गए मुद्दों में से सिर्फ पांच प्रतिशत पर चर्चा हुई है। उन्होंने अपनी मुख्य मांगों के पूरा नहीं होने पर सख्त कदमों की चेतावनी दी। गणतंत्र दिवस से पहले की गयी घोषणा में मुख्य मांगों को पूरा नहीं किए जाने पर कृषक संगठनों ने एक महीने में कई विरोध कार्यक्रमों का जिक्र किया।

किसान नेता युद्धवीर सिंह का कहना है कि अगर सरकार ये सोच रही है कि किसानों का विरोध शाहीन बाग की तरह हो जाएगा, तो ऐसा सोचना गलत है। सरकार हमें इस जगह से वैसे नहीं हटा सकते हैं, जैसा उन्होंने शाहीन बाग में किया था।’

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वहीं, स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव का कहना है कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करना और एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी जैसे दो मुख्य मुद्दों पर सरकार एक इंच भी नहीं बढ़ी है। सरकार ने एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के मुद्दे पर सैद्धांतिक रूप से प्रतिबद्धता जताने से इनकार किया है। ‘इसके बाद होने वाली बैठक में गतिरोध दूर नहीं होता है तो हम हरियाणा में सभी मॉल, पेट्रोल पंपों को बंद करने की तारीखों की घोषणा करेंगे।

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