Wednesday - 10 January 2024 - 5:58 AM

‘क्या देश में आज बोलने या लिखने की आजादी बची है?’

जुबिली न्यूज डेस्क

देश में पिछले कुछ साल से एक बड़ा तबका इस बात को लेकर विरोध कर रहा है कि देश में लिखने और बोलने की आजादी खत्म हो रही है। सरकार अपने खिलाफ विरोध का स्वर बर्दाश्त नहीं कर पा रही है। जो सरकार के खिलाफ बोल रहा है उसे देशद्रोही करार दे दिया जा रहा है। इन्हीं मुद्दों को लेकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है।

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सोनिया गांधी ने अपने संदेश में मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह देश के लोकतंत्र के लिए कठिन समय है। ऐसा लगता है मौजूदा सरकार देश के लोकतांत्रिक सिस्टम, संवैधानिक मूल्यों और स्थापित परंपरा के खिलाफ खड़ी है। यह भी लोकतंत्र के लिए परीक्षण का समय है।

अपने संदेश में सोनिया ने कहा कि एक जिम्मेदार विपक्ष के तौर पर यह हमारी ही जिम्मेदारी है कि हम भारत की लोकतांत्रिक स्वतंत्रता को बरकरार रखने के लिए हरसंभव कोशिश और संघर्ष करें। उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि क्या इस देश में अब लिखने, बोलने और सवाल पूछने, मतभेद जताने, विचार रखने की आजादी रह गई है?

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में कई मुद्दों का जिक्र किया था। इसमें लद्दाख में चीनी घुसपैठ का मुद्दा भी शामिल था।

ये भी पढ़े : तमाम आपत्तियों के बीच रूस में बनी कोरोना वैक्सीन की पहली खेप

ये भी पढ़े : लखीमपुर में शर्मसार हुई इंसानियत, 13 साल की बच्ची का रेप कर फोड़ी आंख

ये भी पढ़े : अमेरिकी राष्ट्रपति के छोटे भाई की हुई मौत

सोनिया गांधी ने भी अपने संदेश में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गलवान घाटी में हुई खूनी मुठभेड़ का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि देश के लिए 20 सैनिकों को प्राण न्योछावर किए 60 दिन हो चुके हैं। इतना ही नहीं उन्होंने कोरोना वायरस महामारी से लेकर देश की आर्थिक स्थिति तक पर बयान दिया।

सोनिया ने कहा, “मैं यह पूरे विश्वास से कह सकती हूं कि हम सब इस महामारी और गंभीर आर्थिक संकट से साथ ही बाहर निकलेंगे।”

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय पर भी झंडा फहराया गया था। हालांकि, इसमें सोनिया गांधी मौजूद नहीं थीं। वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री एके एंटनी ने यहां झंडारोहण किया था।

इस मौके पर पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, अधीर रंजन चौधरी, केसी वेणुगोपाल, रणदीप सुरजेवाला और राजीव शुक्ला जैसे नेता मौजूद थे।

ये भी पढ़े : रूस की कोरोना वैक्सीन पर इस देश के राष्ट्रपति को है पूरा भरोसा

ये भी पढ़े :  कोरोना वैक्सीन पर राहुल की सरकार को ये सलाह

ये भी पढ़े :  कोरोना संक्रमित व्यक्ति की क्यों हो जाती है एकाएक मौत

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com