Friday - 5 January 2024 - 3:32 PM

क्या इस वजह ने जज इच्छामृत्यु मांगने को किया मजबूर?

बांदाः उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में तैनात रहीं और ‘इच्छामृत्यु’ मांगने वाली जूनियर डिवीजन जज को 1 साल पहले 7 अक्टूबर 2022 को भरी अदालत में अपमानित किया गया था। इसे जज ने रेकॉर्ड में दर्ज भी किया था। इस अपमान भरी घटना को देखकर लगता है जैसे वाकई उनका मानसिक शोषण किया गया है। बांदा की बबेरू तहसील में तैनात सिविल जज ने बाराबंकी जिले में तैनाती के दौरान 7 अक्टूबर 2022 की घटना को फर्द एहकाम में दर्ज किया है।

इसके मुताबिक उन्होंने बताया, ‘11.10 बजे मैं अपना न्याय कार्य करने बैठी थी। तभी बार के महामंत्री रितेश कुमार मिश्रा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष मोहन सिंह और अन्य पदाधिकारी, तमाम अधिवक्ता के साथ आए और न्यायालय कक्ष में आकर न्याय कार्य बाधित किया।’

उन्होंने आगे बताया, ‘इन अधिवक्ताओं ने मुझे धमकी दी कि आपको हमारा सपोर्ट नहीं करना है? दिमाग खराब है, सुधार नहीं रही हैं। जब मैंने बोला है तो क्यों डेस्क पर बैठकर फाइल देख रही हैं। जिला जज से और सीजीएम से शिकायत की है तो मुझे आश्वासन दिया गया है कि कोर्ट नंबर-14 में जज बिल्कुल नहीं बैठेगी। तब कैसे बैठ गईं?’ उन्होंने आगे बताया कि उन्हें डायस से उतारने के लिए मजबूर किया गया। इसके लिए अधिवक्ताओं ने बदतमीजी भी की।

महिला जज ने बताया कि अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी, ‘तुम्हारी कोर्ट का पूरी तरह से बायकाट कराया जाएगा। तुम काम नहीं कर पाओगी। इस लायक तुम्हें नहीं छोड़ेंगे। महिला अधिकारी हो सुधर जाओ और डायस से उतर जाओ। वरना आज तुम्हारे साथ अच्छा नहीं होगा। बहुत कुछ हो सकता है आज तुम्हारे साथ। तानाशाही और बेशर्मी से कोर्ट चलाने के लिए डायस पर बैठ जाती हो और आदेश पारित कर देती हो। जब हम डेली बॉयकाट कर रहे हैं तो तुम्हारी समझ में नहीं आ रहा है।’

इस दौरान अधिवक्ताओं ने मुर्दाबाद के नारे भी लगाए और न्यायालय का दरवाजा बंद कर लाइट बंद कर दी। इसके बाद भी महिला जज अपनी कुर्सी पर डटी रहीं। इस घटना का पूरा विवरण महिला जज ने जिला जज को भेजा था। इस तरह की घटना एक बानगी है, जिससे लगता है कि जो पत्र उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को लिखा है उसमें निश्चित ही उनका दर्द छिपा है।

बांदा की बबेरू तहसील में तैनात सिविल जज अर्पित साहू ने अपनी चिट्ठी में ज़िला जज का नाम लिखते हुए, सीधे तौर पर आरोप लगाए हैं कि जिला जज मुझसे अश्लील बातें और इशारे किया करते थे. मेरा मानसिक और शारीरिक शोषण किया करते थे. कई बार मुझे रात को बुलाया करते थे. तमाम शिकायतों के बावजूद जब इंसाफ नहीं मिला तो आपको चिट्ठी लिख कर इच्छा मृत्यु की गुहार लगा रही हूं.

बांदा की बबेरू तहसील में तैनात सिविल जज अर्पित साहू ने अपनी चिट्ठी में ज़िला जज का नाम लिखते हुए, सीधे तौर पर आरोप लगाए हैं कि जिला जज मुझसे अश्लील बातें और इशारे किया करते थे. मेरा मानसिक और शारीरिक शोषण किया करते थे. कई बार मुझे रात को बुलाया करते थे. तमाम शिकायतों के बावजूद जब इंसाफ नहीं मिला तो आपको चिट्ठी लिख कर इच्छा मृत्यु की गुहार लगा रही हूं.

जिला जज के द्वारा अपनी जूनियर महिला जज के दैहिक शोषण के सम्बन्ध में लिखी गई चिट्ठी के मीडिया में आते ही हड़कम्प मच गया. पहले बांदा और बबेरू की कचहरी में चर्चा-ए-आम हुई, फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट और लखनऊ तक पहुंच गई.

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com