Saturday - 6 January 2024 - 11:16 PM

कोरोना वायरस : नये रिसर्च क्या कहते हैं

 

न्यूज डेस्क

कोरोना एक पहेली बनी हुई है। कोरोना वायरस का संक्रमण देखते-देखते पूरी दुनिया में फैल गया और अब तक इसका कोई तोड़ वैज्ञानिक नहीं ढूढ पाये हैं। दुनिया भर के वैज्ञानिक कोरोना पर रिचर्स कर रहे हैं। इसके बारे में हर दिन कोई न कोई जानकारी सामने आ रही है। कोरोना संक्रमण कैसे फैलता है यह कितने देर सतह पर रहता है या हवा में रहता हैं इन सारे सवालों वैज्ञानिकों ने अपने नये शोध में दिया है।

31 मार्च को न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक रिसर्च में कोरोना वायरस को लेकर कई खुलासे किए गए हैं। नये शोध के मुताबिक कोरोना वायरस कुछ सतहों पर जैसे प्लास्टिक और स्टील की सतह पर तीन दिन तक जीवित रह सकते हैं। समय बीतने के साथ वायरस की संख्या में तेजी से कमी आती है। कोरोना वायरस तांबे पर चार घंटे तक जीवित रहता है। विशेषज्ञों का कहना है कि जो लोग इसे छूते हैं उनमें संक्रमित होने का जोखिम अभी कम है। हालांकि विशेषज्ञों ने हवा में कोरोना वायरस कितने देर तक जीवित रहता है इसका प्रभाव चिकित्सा कर्मचारियों पर पड़ सकता है।

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नये शोध के मुताबिक कार्डबोर्ड पर कोरोना वायरस 24 घंटे तक रहता है। इसलिए लोगों को बहुत डरने की जरूरत नहीं है, खास घरों से काम करने वालों को। यदि बाहर से कोई सामान मंगा रहा है और उसे आने में एक दिन से ज्यादा का समय लग रहा है तो कोरोना वायरस के संक्रमण का डर नहीं है। हां, यह जरूरी है कि डिलिवरी देने वाला व्यक्ति को खांसी और छींक न आया हो। इसके अलावा उसके हाथ सिनेटाइज रहे हो। विशेषज्ञों के मुताबिक जब तक घरों तक सामान पहुंचाने वाले लोग बीमार नहीं होते, तब तक संक्रमित होने का जोखिम कम है।

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कोरोना संक्रमित व्यक्ति द्वारा छींकने के दौरान जो ड्रापलेट्स निकलते हैं, जिनकी साइज 5 माइक्रोमीटर से भी छोटी होती हैं, जिसे जिसे एरोसोल के रूप में जाना जाता है। छींक के साथ निकलने वाले कोरोना वायरस का अस्तित्व आधे घंटे तक रहता है। हालांकि शोधकर्ताओं ने कहा, नीचे गिरने से पहले और सतहों पर बसने से पहले यह घंटों तक घूम सकता है। विशेष रूप से एयरोसोल पर खोज विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थिति के साथ असंगत है कि वायरस हवा से परिवहन नहीं करता है।

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यदि आप यह सोचते हैं कि किराने की दुकान, रेस्तरा यहां पर कोरोना वायरस नहीं हो सकता तो गलत है। किराने की दुकानों में लगे कटेंनर, थैले भी संक्रमित हो सकते हैं। इसलिए सुझाया गया है कोरोना वायरस का हर कोई संभावित स्रोत है। इसलिए यदि आप सजग हैं तो भी सामान बाहर से उसे अच्छे से धुले।

कोरोना वायरस से बचाव के लिए मास्क पहनने की सलाह दी जा रही है। मास्क संक्रमण को रोकने में कारगर भी साबित हो रहे हैं, लेकिन आप कौन सा मास्क यूज करते हैं यह जानना जरूरी है। एरोसोल विज्ञान और फ्लू वायरस पर हाल के निष्कर्षों के आधार पर सर्जिकल मास्क संभवत: कोरोना संक्रमण रोकने में कारगर नहीं है।

फिलहाल विशेषज्ञों ने कहा है कि कोरोना वायरस, एसएआरएस और एमईआरएस की तुलना में लंबे समय तक जीवित रहने में सक्षम नहीं हैं। कोरोना के संक्रमण से बचना है तो सोशल डिस्टेंसिग जरूरी है। इसके अलावा कोई भी सामान छूने से पहले सजग रहे।

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