Saturday - 6 January 2024 - 3:34 AM

बिजली को लेकर केन्द्र सरकार का बड़ा फैसला, सभी राज्यों पर रहेगी नज़र

जुबिली न्यूज़ ब्यूरो

लखनऊ. देश के वह सभी शहर जहां की आबादी एक लाख या उससे अधिक है वहां पर चौबीसों घंटे बिजली की आपूर्ति का इंतजाम किया जाएगा. केन्द्रीय विद्युत् मंत्रालय ने विद्युत् उपभोक्ता अधिकार नियम 2020 में संशोधन करते हुए यह प्राविधान किया है. केन्द्र ने 21 अप्रैल को इसकी अधिसूचना जारी कर दी है और अधिसूचना जारी होने के साथ ही यह प्रभावी भी हो गया है. उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत् नियामक आयोग अब इस बात की निगरानी भी करेगा कि उत्तर प्रदेश के एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में निर्बाध विद्युत् आपूर्ति हो रही है या नहीं.

राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश में बिजली वितरण करने वाली कम्पनियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि उन्हें एक लाख या उससे अधिक आबादी वाले शहरों को बगैर कटौती चौबीसों घंटे बिजली देना सुनिश्चित करना पड़ेगा. केन्द्र द्वारा जारी की गई इस अधिसूचना के मद्देनज़र सभी राज्य सरकारों को अपने-अपने राज्यों में उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत् आपूर्ति सुनिश्चित करनी होगी. बिजली वितरण कम्पनियां व्यवधान रहित विद्युत् आपूर्ति करेंगी और राज्य विद्युत् नियामक आयोग बिजली कम्पनियों की निगरानी करेंगे.

इस नए क़ानून का सबसे ज्यादा असर उत्तर प्रदेश पर पड़ेगा क्योंकि इस राज्य के ज़्यादातर नगर एक लाख या फिर उससे ज्यादा आबादी वाले हैं. इस क़ानून में यह भी साफ़ किया गया है कि तीन मिनट या उससे अधिक समय तक अगर बिजली आपूर्ति बाधित रहती है तो इसे व्यवधान माना जाएगा.

इस नए क़ानून में अगले पांच साल के भीतर डीज़ल से चलने वाले जनरेटर हटाने होंगे. जनरेटर इस्तेमाल करने वालों को ऊर्जा बैटरी बैकअप का इंतजाम करना होगा. जिन स्थानों पर निर्माण प्रक्रिया चल रही है और इस वजह से उपभोक्ता को डीज़ल जनरेटर का इस्तेमाल करना पड़ा रहा है ऐसे मामलों में यह निर्देश दिया गया है कि अगर वहां विद्युत् वितरण मेंस मौजूद है तो बिजली विभाग को 48 घंटे के भीतर आस्थाई कनेक्शन देना होगा. जहां पर विद्युत् वितरण मेंस नहीं है वहां पर बिजली विभाग को सात दिन के भीतर यह व्यवस्था करनी होगी.

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