रूप तुम्हारा ऐसा जैसा सूरजमुखी का फूल। मुझे देख मुसकाये लेकिन पल मे जाये भूल। एक पलक के बदले तुमने मुझे दिया उपहार, पाते पाते खो भी डाला क्षणिक तुम्हारा प्यार। विकल मीन सा अब तडपूं विरह बन गया शूल। दीप जलाते पवन जल गया मुसकाया अंधियार, कहां तिमिर मे …
Read More »लिट्फेस्ट
कहानी : ….और वो मर गया
शुभ्रा सुमन “..वो मर गया ” “कौन.. कौन मर गया..” “अ.. आह.. देखो.. देखो क्या हो गया.. ” “क.. क्या.. क्या बोल रहे हो काका.. क्या हुआ..” “बुरा हुआ है.. बहुत बुरा.. उसको मरना नहीं था..” ये कहते – कहते काका की आंखें बन्द होने लगीं.. नींद की …
Read More »नारी शब्द सुनते ही दो पहलु नज़र आते हैं एक सिमटी चूल्हे में दूसरी चाँद तक…
नारी शब्द सुनते ही दो पहलु नज़र आते हैं एक सिमटी चूल्हे में दूसरी चाँद तक जाती है चाँद तक पहुँच गए हैं फिर भी अस्तित्व गुम है कंधे से कन्धा मिलाया है फिर भी व्यक्तित्व गुम है हँसे, खिलखिलाए तो समाज बंदिशों में बांधे खुली फिजा है वो, पर …
Read More »Mother’s Day पर बच्चों ने नहीं उनकी माँ ने दिखाया टैलेंट
जुबिली पोस्ट ब्यूरो लखनऊ। हर वर्ष माँ के सम्मान और आदर के लिये मातृदिवस (Mother’s Day) को मनाया जाता है। ऐसे में लखनऊ स्थित प्ले हाउस स्कूल में मातृ दिवस मनाया गया। इस अवसर पर बच्चों की माँओं ने गायन, नृत्य, कविता पाठ व रंगोली जैसे कार्यक्रमों अपनी उत्कृष्ट कार्यकुषलता …
Read More »हिंदी साहित्य को नया रूप देने वाले कवि थे अज्ञेय
हिंदी साहित्य में कविता, कहानी, उपन्यास, निबंध, आदि विधाओं को अपनी सक्रियता से समद्ध करने वाले सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय मूलत: कवि थे। अज्ञेय का जन्म, 1911 में कसया नाम जगह पर शिविर में हुआ और पत्नीविहीन, संतानविहीन अज्ञेय का निधन दिल्ली में, 1987 को हुआ था। ‘भारत ‘प्रतीक ‘नया …
Read More »व्यंग : मोदी लहर की पांच लघु कथाएं..
पंकज प्रसून (लेखक प्रख्यात व्यंगकार हैं ) कथा 1 मैं – किसको वोट देंगे कक्का कक्का- मोदी जी को मैं – क्या किया है आपके लिए उन्होंने, कुछ मिला आपको कक्का- हमका कुछ मिले मिले, देश को बहुत कुछ मिल रहा है कथा 2 मद्दे पासी लोटा लेकर सुबह …
Read More »IFWJ ने मनाया अंतरर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस, विधानसभा अध्यक्ष बोले- परिवर्तनों के लिए तैयार रहे मीडिया
न्यूज़ डेस्क। समाज में परिवर्तन के साथ ही पत्रकारिता में भी परिवर्तन होंगे और इनका स्वागत किया जाना चाहिए। परिवर्तनों को हमेशा खराब ही मानने की प्रवृत्ति से बचना होगा। अक्सर परिवर्तन सार्थक भी होते हैं। विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने अंतरर्राष्ट्रीय श्रम दिवस के मौके पर एक मई को …
Read More »नुक्कड़ नाटक के जरिये मतदाताओं को किया जागरूक
जुबिली पोस्ट ब्यूरो लखनऊ। ADR की मतदाता जागरूकता अभियान के साथ नुक्कड़ नाटक की टीम ने चारबाग रेलवे स्टेशन, चारबाग बस स्टैंड, हजरत गंज (साहू सिनेमा के पास ) और भूतनाथ मार्केट में अपनी प्रभावशाली प्रस्तुतियां देकर मतदाताओं के मन और मस्तिष्क को झकझोर दिया। इस दौरान नाटक के अंत …
Read More »यक्ष-युधिष्ठिर संवाद : इंटरव्यू का फर्क
पंकज मिश्र यक्ष – सबकी पीड़ा एक है तो सबकी राष्ट्रीयताएँ अलग अलग क्यों है ? युधिष्ठिर – क्योंकि राष्ट्रीयताएँ सिर्फ हितों और संसाधनों का बंटवारा रोकने की व्यवस्थाएं है …..पीड़ा साझा करने की नहीं … यक्ष – आपदाएं , किस वर्ग का असली चेहरा उजागर करती है ? युधिष्ठिर …
Read More »मैने कागज पर गीतबहुत से लिख डाले…!
मैने कागज पर गीत बहुत से लिख डाले। कैसे मानूं मीत प्रीत की बात बहुत, तुमपर है विश्वास, मगर आघात बहुत रिवाजों के पहरे पे, पहरे पे ताले। स्वप्नों की डेहरी खुद, जलता मै देखूं, डोली पर दुल्हन सी, तुमको जब देखूं। दीप पर जलते हम, जलते हम मतवाले। मैने …
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