शबाहत हुसैन विजेता पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को सत्ता से बेदखल कर वहां भगवा झंडा फहराने के मकसद से बीजेपी ने अपना नया दांव मिथुन चक्रवर्ती के रूप में चला है. सियासी पार्टियां हमेशा से ज़रूरत पड़ने पर सत्ता पर काबिज़ होने के लिए ग्लैमर का तड़का लगाती रही …
Read More »जुबिली डिबेट
देश में एक साथ दो महाकुंभ
डा. रवीन्द्र अरजरिया वैदिक संस्कृति में उल्लेखित कर्म का सिद्धांत देश के राजनैतिक परिदृश्य में भी देखने को मिल रहा है। दलगत अखाडों के पहलवान ताल ठोक रहे हैं। जोर आजमाइश में हर तरह के दांव-पेंच अपनाये जा रहे हैं। चुनावी समर में जायज-नाजायज का अंतर मिट गया है। उपलब्धियों …
Read More »कितनी सशक्त हुईं महिलाएं ?
प्रीति सिंह “लोगों को जगाने के लिये”, महिलाओं का जागृत होना जरुरी है। एक बार जब वो अपना कदम उठा लेती है, परिवार आगे बढ़ता है, गांव आगे बढ़ता है और राष्ट्र विकास की ओर उन्मुख होता है। यह वाक्य पंडित जवाहर लाल नेहरू के हैं। उन्होंने एक भाषण के …
Read More »ममता के सामने BJP ने उतार दिया अधिकारी
जुबिली स्पेशल डेस्क नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में चुनाव करीब है। ऐसे में वहां पर सियासी घमासान और तेज होता दिख रहा है। बीजेपी ममता राज को लगतार चुनौती दे रही है। इतना ही नहीं बीजेपी दावा कर रही है उसकी सरकार बंगाल में बनती दिख रही है। आलम तो …
Read More »भाजपा का आकर्षण या कांग्रेस के भविष्य की चिंता?
कृष्णमोहन झा कांग्रेस के जिन 23 वरिष्ठ नेताओं ने गत वर्ष पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र लिखकर पार्टी में पूर्ण कालिक अध्यक्ष के निर्वाचन की मांग की थी उनमें से कुछ नेता एक बार फिर मुखर हो उठे हैं। हाल में ही राज्यसभा की सदस्यता से …
Read More »डंके की चोट पर : जिस रानी का मन्दिर है उसका भी किला ढह गया मोदी जी
शबाहत हुसैन विजेता एक आदमी पंडित था, एक आदमी मुसलमान था, एक आदमी सिक्ख था, एक इसाई था. चारों को एक दूसरे से बड़ी दिक्कतें थी. मगर कोई बड़ा नहीं था, कोई छोटा नहीं था. ज़रूरत पड़ने पर यह साथ बैठ जाते थे. ज़रूरत पड़ने पर झगड़ भी लेते थे. …
Read More »नक्कारखाने में तूती की आवाज
डा. रवीन्द्र अरजरिया लोकतंत्र का वास्तविक अर्थ विकेन्द्रीकृत व्यवस्था की स्थापना से जुडा है। सत्ता से लेकर विकास के मापदण्डों तक यही सिध्दान्त लागू होना चाहिए ताकि समाज के आखिरी छोर पर बैठे व्यक्ति तक सुविधायें और संसाधनों की सीधी पहुंच हो सकेगी। लगभग 138 करोड नागरिकों वाले देश में …
Read More »औपनिवेशिक शोषण नीतियों से बाज आये सरकार
केपी सिंह पेट्रोल की कीमतों के शतक पार करने के साथ ही एक इतिहास रच गया है। भारत में बुलेट ट्रेन के इस जमाने में मंहगाई भी बुलट रफ्तार से लोगों की जिन्दगी कुचलने के लिये दौड़ पडी है। यह कुछ ही महीनों में पेट्रो पदार्थो की कीमतों में भारी उछाल …
Read More »या मौत का जश्न मनाना चाहिए?
रफ़त फातिमा जब दौलत, धर्म और स्टेटस ही रिश्तों के मापदण्ड हों तो कभी-कभी ऐसे हालात पैदा हो जाते हैं जिनसे रूह तक काँप जाती है। अक्सर हालात में प्रेमी-प्रेमिका को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ता है तो कभी समाज और परिवार “इज़्ज़त” के लिये हत्या (honour killing) करता …
Read More »क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत पौधारोपण ख़राब प्लानिंग का शिकार
डॉ सीमा जावेद हाल ही में हुए एक अध्ययन में पाया गया है कि भारतीय शहरों में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत किए गए पौधारोपण, योजनाबद्ध तरीके से न किये जाने के कारण अप्रभावी हैं। ज्यादातर मामलों में, या तो वृक्षारोपण अभियान ने प्रमुख प्रदूषण वाले हॉटस्पॉट को अपवर्जित …
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