डा. रवीन्द्र अरजरिया स्वाधीनता के बाद केन्द्र और राज्यस्तर पर स्थापित विभागों के अलावा अनेक उप-विभाग, निकाय, निगम, संघ जैसी संस्थाओं को समय की आवश्यकता बताते हुए स्थापित किया गया। प्रत्यक्ष में भले ही वे संस्थायें व्यवस्था में सहायता करने की घोषणायें करती हों परन्तु अप्रत्यक्ष में वे सत्ताधारी दलों …
Read More »जुबिली डिबेट
क्या यह भी है मोक्ष पाने का एक तरीका ?
सुरेंद्र दुबे आखिर चिन्मयानंद बड़े जलवे के साथ पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिए गए। मैं जानबूझकर उनके नाम के पहले स्वामी नहीं लगा रहा हूं, क्योंकि स्वामी का मतलब होता है अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण रखने वाला साधु पुरूष। ये तो बहुत ही लंपट किस्म के निकले। मुमुक्ष आश्रम में …
Read More »मंदी से टूट रहा है तरक्की का तिलिस्म
कृष्णमोहन झा केंद्र की मोदी सरकार ने अपनी दूसरी पारी की शुरुआत में ही दो धमाकेदार कदम उठाए। पहला मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक की कुप्रथा से छुटकारा दिलाने वाला कानून बनाया और दूसरा जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को एक ही …
Read More »370 हटने के बाद भी अब निराश क्यों होने लगे हैं कश्मीरी पंडित ?
उत्कर्ष सिन्हा बीते 5 अगस्त को जब देश की संसद में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने की घोषणा हुई थी , तो देश के दूसरे हिस्सों में विस्थापन का दर्द सह रहे कश्मीरी पंडितों के चेहरे पर मुस्कान थी । उन्हे लग रहा था कि सरकार के इस …
Read More »नेताओं को युवाओं की नहीं राजनीति की ज्यादा चिंता
राजीव ओझा भारत में व्यावसाइक कालेजों में शिक्षा का गिरता स्तर लगातार गिर रहा है। कॉलेज तो खुलते जा रहे लेकिन छात्र नहीं मिल रहे। इन कॉलेजों से जो छात्र डिग्री लेकर निकल रहे वो अंतर्राष्ट्रीय या राष्ट्रीय मानकों पर खरे नहीं उतरते और बेरोजगार रह जाते। भारत में उच्च …
Read More »उत्तर प्रदेश में भी निकलेगा नागरिकता का जिन्न
सुरेंद्र दुबे उत्तर प्रदेश में भी अब नागरिकता का जिन्न बाहर निकल सकता है। अभी तक उत्तर प्रदेश में रहने वालों को विभिन्न प्रकार की नौकरियों में सिर्फ ये सिद्ध करना होता था कि वे उत्तर प्रदेश में ही पैदा हुए हैं इसलिए उत्तर प्रदेश के नागरिक हैं। परंतु उत्तर …
Read More »सीएम योगी की नजर अब धार्मिक सुधार पर
केपी सिंह राजनीतिक, प्रशासनिक और सामाजिक सुधारों के साथ धार्मिक सुधार की भी देश में बड़ी आवश्यकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यभार संभालते ही धार्मिक कुरीतियों की प्रतिक्रिया में एक कार्यक्रम में कुछ जगह पंडों द्वारा की जा रही अराजकता को लेकर कह दिया था कि ऐसा करने वाले …
Read More »सफलता हेतु कथनी और करनी में समानता आवश्यक
डा. रवीन्द्र अरजरिया समाज में सुव्यवस्था कायम रखने के लिए अनुशासनात्मक तंत्र की महती आवश्यकता होती है। ऐसी व्यवस्था के लिए सभ्यता के बाद से प्रयास किए जा रहे। कभी कबीलों के कायदे, तो कभी रियासतों के कानून। कभी राज्यों के संविधान तो कभी गणराज्य के स्वरूप की परिकल्पना का …
Read More »एक ही फील्ड पर खेल रहे हैं भारत-पाकिस्तान
सुरेंद्र दुबे भारत और पाकिस्तान दो ऐसे मुल्क हैं जो हमेशा एक-दूसरे की बुराई करते रहते हैं। एक-दूसरे को धकियाते व लतियाते हैं। पर दोनों अंदर से मिले-मिले हैं। दोनों का एजेण्डा एक ही है। अपने घर में झांकने के बजाए पड़ोसी के घर में झांकना और फिर इतनी झांव-झांव …
Read More »आरक्षण पर संघ की लाइन से भारतीय समाज के सुनहरे समायोजन की उम्मीदें जागी
के.पी सिंह आरक्षण पर संघ प्रमुख मोहन भागवत के 19 अगस्त को नई दिल्ली में ज्ञान महोत्सव के समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए दिये गये भाषण में व्यक्त विचारों पर माहौल गरमा गया था। सामाजिक न्याय के समर्थकों ने जहां इसे आरएसएस में समता की व्यवस्था को लेकर संचित …
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