राजीव ओझा परीक्षा की घड़ी निकट है। लेकिन रामपुर में लड़ाई विकट है। वैसे तो प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह दावा कर रहे हैं कि सभी 11 विधान सभा सीटों पर चुनाव बीजेपी ही जीतेगी लेकिन कुछ सीटों पर चुनावी गणित पेंचीदा है। क्या बीजेपी के पास आजम खान के …
Read More »जुबिली डिबेट
हम जाग जाएं तो डेंगू भाग जाए
शबाहत हुसैन विजेता मौसम बदला तो डेंगू का डंक चुभने लगा। फुल ड्रेस कोड का फरमान सुना दिया गया। बच्चे स्कूल जाएंगे फुल आस्तीन शर्ट पहनकर। टीचर को भी हाफ आस्तीन शर्ट पहनने की इजाज़त नहीं है। सरकारी अमला जागा है जब मौतों की दस्तक शुरू हो गई है। जब …
Read More »रस्सी जल गई पर ऐठन नहीं गई
सुरेंद्र दुबे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य लगातार एक के बाद एक मोर्चे पर हार का सामना करते जा रहे हैं पर उनके रवय्ये में कोई अंतर नहीं आया है। एक बार राजीव गांधी की सरकार के समय शाहबानो मामले में संविधान में संसोधन कराकर एक अबला …
Read More »गिरता हुआ भू-जलस्तर देश के सामने बड़ी समस्या
दिव्या राय गिरता हुआ भू-जलस्तर भारत में ही नहीं विश्व के कई देशों में आम जन को प्रभावित कर रहा है। भारत में ये समस्या बहुत गंभीर विषय है। इस पर आम जन को जागरुक होने और सरकार को गंभीरता से विचार करन चाहिए। साथ ही एक वास्तविक जल नीति …
Read More »मीडिया के हथियार से देश को घायल करने का षडयंत्र
डा. रवीन्द्र अरजरिया वर्तमान समय में वातावरण के सृजन का काम पूरी तरह से मीडिया ने ले लिया है। टेलीविजन चैनल्स, समाचार पत्र और सोशल मीडिया के अंतर्गत आने वाली अनगिनत और अनियंत्रित साइड्स के माध्यम से लोगों की मानसिकता को प्रभावित करने का काम बखूबी किया जा रहा है। …
Read More »फिरने वाले है तकिया और गद्दे के दिन
सुरेन्द्र दुबे राजकपूर की एक बड़ी चर्चित फिल्म थी-‘जिस देश में गंगा बहती है’। उसका एक बड़ा चर्चित गाना था- ‘आ अब लौट चले, तुझको पुकारे देश तेरा’। अब सोचेंगे देश को कोई कुर्बानी की जरूरत पड़ गई है। इसलिए इस गाने की चर्चा हो रही है। देश को कुर्बानी …
Read More »कांतिलाल पर नाथ की प्रतिष्ठा दांव पर!
कृष्णमोहन झा/ मध्यप्रदेश विधानसभा के झाबुआ निर्वाचन क्षेत्र के लिए इस माह होने वाले उप चुनाव हेतु सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी एवं विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी का प्रचार अभियान जोर-शोर से प्रारंभ हो गया है। कांग्रेस ने यहां पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया को प्रत्याशी बनाया है …
Read More »रात के अँधेरे में एनकाउंटर क्यों ?
पुष्पेंद्र का एनकाउंटर और बैकफुट पर सरकार! राजेंद्र कुमार उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में 28 वर्षीय पुष्पेंद्र यादव की मौत को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार बैकफुट पर है। पुष्पेंद्र की 6 अक्टूबर को पुलिस की गोली से मौत हो गई थी। पुलिस मुठभेड़ (एनकाउंटर) में मारे गए इस युवक …
Read More »दावा भारतीय संस्कृति का फिर मायावी युद्ध कला से प्रेम क्यों ?
केपी सिंह युद्ध जीतने के लिए लड़े जाते हैं इसलिए कहा गया है कि युद्ध और प्रेम में सब कुछ जायज है। लेकिन भारतीय संस्कृति में युद्ध में मायावी घात-प्रतिघात को गर्हित सिद्ध किया गया है। पौराणिक कथाओं में और रामचरित मानस में राक्षसों को मायावी युद्ध कला का विशेषज्ञ …
Read More »इधर विजयी मुस्कान और उधर दुनिया भर में बेकदर होता पाकिस्तान!
कृष्णमोहन झा पाकिस्तान में सेना की मदद से प्रधानमंत्री बने इमरान खान को इस कड़वी हकीकत का एहसास काफी देर से हुआ है कि कश्मीर के मुद्दे का अंतरराष्ट्रीय करण करने की उसकी हर कोशिश बेमानी साबित होगी। वैसे तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की कुर्सी पर काबिज होते ही …
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