जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. कोरोना महामारी से जंग के लिए स्वदेशी वैक्सीन बतौर योद्धा सामने आ गई है. 16 जनवरी को देश भर में इसकी शुरुआत स्वास्थ्यकर्मियों और सफाईकर्मियों से हुई. देश के तीन हज़ार तीन सौ 52 केन्द्रों पर पहले दिन एक लाख 91 हज़ार एक सौ 81 लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक दी गई. पहले दिन दिल्ली, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में साइड इफेक्ट के कुछ मामले भी सामने आये.

बात देश की राजधानी दिल्ली की करें तो दिल्ली में 4317 स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन की पहली खुराक दी गई. इनमें से 52 लोगों में इसके साइड इफेक्ट देखने को मिले. चरक पालिका अस्पताल के दो स्वास्थ्यकर्मियों को सीने में कसावट की शिकायत महसूस हुई. इन्हें आधे घंटे निगरानी में रखकर छोड़ दिया गया. वहीं नार्दन रेलवे सेन्ट्रल हास्पीटल में एक स्वास्थ्यकर्मी को इलाज के लिए दूसरे अस्पताल में रेफर करना पड़ा.
पश्चिम बंगाल में 15 हज़ार 707 स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक दी गई. इनमें से 14 लोगों की तबियत खराब हुई. इन्हें एन.आर.एस. मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया है.
राजस्थान में 21 लोगों को वैक्सीन का साइड इफेक्ट हुआ है. इनमें पांच अलवर से, चार बाड़मेर से और तीन जयपुर के केस सामने आये हैं. महाराष्ट्र में भी 14 लोगों को वैक्सीन लगवाने के बाद समस्या का सामना करना पड़ा. तेलंगाना में वैक्सीन लगवाने के बाद 11 लोगों की तबियत बिगड़ गई.
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हैदराबाद में भारत बायोटेक ने कहा है कि वैक्सीनेशन के बाद अगर किसी को साइड इफेक्ट होगा तो कम्पनी जांच करायेगी. अगर मामला वैक्सीन की वजह से ही साबित हुआ तो कम्पनी उसे मुआवजा देगी.
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