Sunday - 14 January 2024 - 1:35 PM

अंतरिक्ष विज्ञान में बनाए कॅरियर, रोमांच के साथ मिलेगा अच्छा पैकेज

न्यूज डेस्क

अंतरिक्ष विज्ञान ब्रह्माण्ड की खोज से जुड़ा विज्ञान है। इसमें पृथ्वी के वायुमंडल के बाहर होने वाली आकाशीय गतिविधियों और उनके निर्माण आदि से सम्बंधित प्रक्रियाओं के बारे में अध्ययन किया जाता है। खासकर यह एक ऐसा सेक्टर है जिसे भविष्य में चुनौती पूर्ण और रोजगार क्षेत्र के तौर पर देखा जा रहा है। यह जितना रोचक है उतनी ही मेहनत की भी मांग करता है।

भारत की अंतरिक्ष गतिविधियां दिनों दिन बढ़ती जा रही है। चांद के रहस्यों को खोजने के लिए भारत ने चंद्रयान -1 की खोज की थी, तो वहीं आने वाले समय में चंद्रयान -2 लांच करने की योजना बना रहा है। भारत की 2017 में अंतरिक्ष के क्षेत्र में नए मुकाम स्थापित करने की है। इसीलिए भी करियर के लिहाज से युवाओं के लिए इस क्षेत्र में संभावनायें भरी हुई है।

क्या है अंतरिक्ष विज्ञान 

अंतरिक्ष विज्ञान (एस्ट्रोनॉमी) विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अंतर्गत पृथ्वी से परे करोड़ों ग्रहों, उपग्रहों, तारों, धूमकेतुओं, आकाशगंगाओं एवं अन्य अंतरिक्षीय पिंडों का अध्ययन किया जाता है। इसके अलावा अंतरिक्ष विज्ञान के अंतर्गत उन नियमों एवं प्रभावों का भी अध्ययन किया जाता है, जो इन्हें संचालित करते हैं।

करें ये कोर्स

अंतरिक्ष विज्ञान में करियर बनाने के लिए आपको 12वीं गणित समूह से करना होगा इसके बाद आपको बीएससी फिजिक्स एवं गणित से करना होगा। साइंस से स्नातक होने के बाद आप एस्ट्रोनॉमी थ्योरी या एस्ट्रोनॉमी ऑब्जर्वेशन कोर्स चुन सकते हैं। वहीं मास्टर्स डिग्री के बाद विशिष्ट कोर्सेज में प्रवेश लिया जा सकता है।

इसके अलावा यदि आप बारहवीं के बाद इलेक्ट्रिकल/ इलेक्ट्रॉनिक्स/ इलेक्ट्रिकल कम्युनिकेशन में बीई करते हैं, तो आप इंस्ट्रूमेंट एस्ट्रोनॉमी या एक्सपेरिमेंटल एस्ट्रोनॉमी के क्षेत्र में करियर बना सकते हैं। इसी दिशा में आगे बढ़ने पर आगे एस्ट्रोनॉमी में पीएचडी भी कर सकते हैं। अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में देश में केवल मास्टर स्तर व पीएचडी प्रोग्राम ही विश्वविद्यालयों में सामान्यत उपलब्‍ध हैं।

ये भी पढ़े : दुर्घटनाग्रस्त होने से बचा ‘जगुआर’, कराई गई इमरजेंसी लैंडिंग

यह प्रोग्राम इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स, रमण रिसर्च इंस्टीट्यूट और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, मुंबई के साथ मिलकर चलाया जाता है। कोर्स की समाप्ति के बाद आपको इन्हीं इंस्टीट्यूट्स में से एक में पीएचडी की भी ऑफर की जाती है।

कहां है संभावनाएं

स्पेस साइंस के विभिन्न क्षेत्रों में काम कर सकते है। इनमें खगोल भौतिकी, गैलैक्टिक साइंस, स्टेलर साइंस, रिमोट सेंसिंग, जलविज्ञान, कार्टोग्राफी ,गैर प्रथ्वी विज्ञान, परग्रहीय जीवविज्ञान, जलवायु विज्ञानं शामिल है। आने वाले समय को देखें तो अंतरिक्ष विज्ञान में अच्छी संभावनाएं है इस क्षेत्र में इसके अलावा मौसम सेवाएं पर्यावरण निगरानी खगोल वैज्ञानिक अध्ययन के साथ भी जुड़ा जा सकता है।

ये भी पढ़े : जी-20 में हिस्सा लेने ओसाका पहुँच मोदी, इन मुद्दों पर होगी चर्चा

(हमें फ़ेसबुकट्वीटर और यूट्यूब पर फ़ॉलो करें)

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com