जुबिली न्यूज़ डेस्क
राज्यसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में सियासत एक बार फिर गरमा गई है। पार्टी में मचे घमासान को लेकर अब बसपा प्रमुख एक्शन की तैयारी में है। पार्टी बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने की तयारी में हैं। इसके लिए गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष अपील कर सकती है बताया जा रहा है कि बागी विधायकों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।उनके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला भी दर्ज किया जाएगा।
बता दें कि बुधवार को बसपा पार्टी में बगावत उस समय खुलकर सामने आई, जब पार्टी के पांच विधायकों ने राज्य सभा प्रत्याशी रामजी गौतम के प्रस्तावक के तौर पर नाम वापस ले लिया। और ये सभी समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से मिलने पहुंच गए। हालांकि, बाद में विधायकों ने अखिलेश से मुलाकात की बात का इनकार किया।
थोड़ी देर बाद बागी विधायकों की संख्या बढ़कर सात हो गई। पहले पांच विधायकों असलम राइनी, असलम चौधरी, मुज्तबा सिद्दीकी, हाकिम लाल बिंद और हरगोविंद भार्गव का नाम सामने आया। इसके बाद सुषमा पटेल और सगड़ी विधायक वंदना सिंह का नाम भी इस लिस्ट में शामिल हो गया।

बगावत के मामले में बसपा प्रमुख के पहले मामलों को देखा जाए तो वे बागियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करती है। लिहाजा माना जा रहा है कि पार्टी सभी को निलंबित कर उनके खिलाफ दल-बदल कानून के तहत सदस्यता रद्द करने की अपील कर सकती ।
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गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा की 403 सीटों में अभी 395 विधायक हैं।आठ सीट खाली हैं।बीजेपी के पास अभी 306 विधायक हैं।सपा के पास 48, बीएसपी के 18, कांग्रेस के 7, अपना दल के 9 और ओम प्रकाश राजभर की पार्टी के चार विधायक हैं। विधानसभा में चार निर्दलीय और एक निषाद पार्टी का विधायक है।
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मौजूदा समीकरणों के अनुसार, बीजेपी अपनी 8 सीटों पर आसानी से जीत दर्ज कर सकती है। सपा के पास भी एक सीट जीतने का दम है ।निर्दलीय प्रत्याशी प्रकाश बजाज का पर्चा खारिज होने के बाद बीएसपी प्रत्याशी का रास्ता भी साफ हो गया है।
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