
न्यूज डेस्क
चुनाव दिल्ली विधानसभा का है। जाहिर है यहां के लगभग दो करोड़ वोटरों को मतदान के जरिए नई सरकार और नया मुख्यमंत्री चुनना है। 70 विधानसभाएं हैं। पर भाजपा की निगाहें सिर्फ शाहीन बाग पर हैं, जहां कि आबादी अधिकतम एक लाख के भीतर होगी। पर शाहीनबाग इन दिनों सीएए को हटाए जाने को लेकर आंदोलन का केन्द्र बना हुआ है। यह मुस्लिम बाहुल्य इलाका है और यहां की मुस्लिम महिलाएं पिछले 46 दिन से धरना-प्रदर्शन कर रही हैं।
भाजपा के पास मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कामों का कोई तोड़ नहीं है। दिल्ली में बिजली और पानी मुफ्त मिल रहा है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए सैकड़ों मोहल्ला क्लीनिक खुल गए हैं। इस तरह की व्यवस्था देश के किसी भी राज्य में नहीं है। महिलाओं को मुफ्त बस और मेट्रो यात्रा की सुविधा है। छात्रों को भी यही सुविधाएं देने का केजरीवाल वादा कर रहे हैं। यानी की एक सामान्य आदमी के लिए जो कुछ चाहिए सब कुछ सस्ता या मुफ्त उपलब्ध है।
भाजपा की समस्या यह है कि वह जनता से कौन सा वादा करे। तो उसे फिर अपने भगवा इरादों की याद आ गई है। अब भगवा रंग भरना है तो मुसलमान का होना जरूरी है। शाहीनबाग उन्हें इसके लिए सबसे मुफीद जगह समझ आई, इसलिए भाजपाई हर बात पर नागरिकों की सुविधाओं के बजाए शाहीन बाग में बैठी प्रदर्शनकारी महिलाओं पर टुच्ची से टुच्ची टिप्पणी करने पर भी बाज नहीं आ रहे हैं। कोई कहता है शाहीन बाग में गुंडे बैठे हैं, कोई कहता है शाहीन बाग देश को तोडऩे का केन्द्र है।

दरअसल दिल्ली का पूरा चुनाव शाहीन बाग की आड़ में भाजपा लड़ रही है। कल ही केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने इन महिलाओं को लक्ष्य कर नारा दिया-देश के गद्दारों को गोली मारो सालों को ।
अब को लगता होगा कि अनुराग ठाकुर युवा खून हैं इसलिए जोश में गंदी बात कह गए। कोई बात नहीं, हम आपको देश के गृहमंत्री अमित शाह की भी बात बताते हैं, जिन्होंने मतदाताओं से कहा-आप ईवीएम का बटन इतनी जोर से दबाइये कि इसका करंट शाहीन बाग तक पहुंचे। इनके सांसद प्रवेश वर्मा ने मतदाताओं को ललकारा कि अगर मोदी जी नहीं होंगे तो शाहीन बाग के लोग आप के घरों में घुस कर मारेंगे।
अब ये सारे बयान पढि़ए तो लगेगा जैसे किसी इंटर कॉलेज में छात्र संघ का चुनाव हो रहा हो। लगता ही नहीं है कि जो बयान शाहीन बाग के खिलाफ दिए जा रहे हैं वे दुनिया की सबसे बड़ी डेमोक्रेसी की कर्णधारों के बयान हैं।

वैसे चिंता की कोई बात नहीं है आपको प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी ताजा भाषण बता देते हैं जो उन्होंने आज दिल्ली में एनसीसी के एक समारोह में दिया। वहां उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान को हम जब चाहे हफ्ता-दस दिन में हरा सकते हैं। कोई उनसे पूछे कोई युद्ध करने का इरादा है। पर उनके लिए दिल्ली विधानसभा का चुनाव एक भयानक युद्ध से कम नहीं है। अगर केजरीवाल फिर मुख्यमंत्री बन गए तो भाजपा कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रहेगी।
वैसे इन लोगों को अपनी छवि की बहुत चिंता भी नहीं है। इसलिए ऊल-जुलूल जो मुंह में आता है बक रहे हैं। उन्हें भी मालूम है कि केजरीवाल को हराना नाको चने चबाने जैसा है। पर जिन लोगों की नाक ही न बची हो वह फिर चाहे जैसे चने चबाए इसमें किसी की क्या रूचि हो सकती है। ऐसा लगता है जैसे शाहीन बाग ही वह कल्पवृक्ष है जो इन्हें मनोवांंछित फल दे सकता है।
जिस तरह की गंदगी व बदमिजाजी इस समय दिल्ली में तैर रही है उसे पूरा देश हतप्रभ होकर देख रहा है। आगामी 8 फरवरी को दिल्ली में मतदान होना है तब तक शाहीन बाग प्रोजेक्ट चलता रहेगा। भाजपा चाहे चुनाव हारे या जीते, 8 फरवरी के बाद शाहीन बाग को वीरान करने की भी कोशिश हो सकती है। देश में यह पहला चुनाव होगा जहां बागवां ही गुलशन को लूटने का काम कर सकता है।
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